स्मार्ट सिटी योजना से भागलपुर शहर संवर रहा है। आधारभूत संरचना व मूलभूत सुविधाएं पहले से बेहतर हुई है। अब स्मार्ट सिटी के बाद अमृत मिशन 2.0 योजना से भी बुनियादी सुविधाओं में बदलाव होगा। भागलपुर शहर पूर्व से अमृत योजना में चयनित है। निगम द्वारा प्रस्तावित सात योजनाओं पर केंद्र व राज्य सरकार से सहमति बन गई है।
इसके लिए नगर निगम से डीपीआर बनाकर मांगा गया है। डीपीआर को स्टेट लेवल तकनीकी समिति से स्वीकृति के बाद केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। इन योजनाओं में तीन स्थानों पर पार्क, दो स्थानों पर तालाब का जीर्णोद्धार व सुंदरीकरण, सीवर लाइन और जलापूर्ति से वंचित क्षेत्र में पानी की सुविधा पर कार्य होगा। इसे अमृत मिशन योजना से कराया जाएगा।
तालाबों का होगा सुंदरीकरण
मारवाड़ी पाठशाला के सामने व सैंडिस कंपाउंड परिसर में इंडोर हॉल के पास तालाब का जीर्णोद्धार व सुंदरीकरण होगा। इससे शहरवासी को मनोरंजन स्थल मिल जाएगा। तालाब के चारों ओर सीढ़ी और टहलने वाले लोगों के लिए पाथवे का निर्माण कराया जाएगा। आसपास पार्क व नौकायन के साथ आकर्षक रोशनी की सुविधा होगी।
मेयर डॉ. बसुंधरा लाल ने मारवाड़ी पाठशाला के सामने तालाब व गेंदखाना मैदान में पार्क निर्माण का प्रस्ताव दिया था। जिसे नगर निगम ने शामिल किया। वहीं, टीएनबी कालेजिएट में दो करोड़ रुपये, मिरजानहाट के गेंदखाना मैदान में ढाई करोड़ रुपये व हाउसिंग बोर्ड परिसर में एक-एक पार्क का निर्माण होगा।
पार्क में सुविधा को लेकर तैयार की जा रही कार्ययोजना
हाउसिंग बोर्ड परिसर में सेक्टर आठ के चार पार्क को मिलाकर एक पार्क बनाया जाएगा। पार्क में सुविधा को लेकर कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इसके लिए झारखंड की एक कंसल्टेंसी डीपीआर तैयार कर रही है। पार्क का तकनीकी टीम ने स्थल निरीक्षण किया है।
550 करोड़ की लागत से बिछाई जाएगी सीवर लाइन
शहरी क्षेत्र में नमामि गंगे योजना से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य चल रहा है। लेकिन शहरी क्षेत्र में सिर्फ मुख्य आउटफाल को जोड़ा जा रहा है। जबकि मुहल्ले के छोटे-बड़े नाले का जीर्णशीर्ण अवस्था है। नागरिक सुविधा के लिए करीब 550 करोड़ रुपये की लागत से सीवर लाइन बिछाया जाएगा। नई योजना से गली-मुहल्ले के साथ मुख्य आउट फाल को जोड़ा जाएगा। पंपिंग स्टेशन आदि बनाए जाएंगे।
वहीं शहर में जलापूर्ति पाइप बिछाने के लिए 10 वर्ष पूर्व सर्वे किया गया था। वर्तमान में कई मुहल्ले जलापूर्ति पाइप से वंचित रह गए है। इसके लिए करीब 250 करोड़ रुपये की लागत से वैसे मुहल्ले में जलापूर्ति पाइप बिछाने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी।