भारतीय समय के अनुसार कल शाम लगभग 6:04 पर चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर उतर चुका है. भारत विश्व का चौथा देश बन गया है. सॉफ्ट लैंडिंग के द्वारा चंद्रमा पर उतरेगा और चंद्रमा के सुदूर दक्षिणी और अंधकार वाले क्षेत्र में पहुंचने वाले भारत के लिए यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित हो सकती है, इसलिए भारत और इसरो (ISRO) के वैज्ञानिक ही नहीं, प्रत्येक भारतवासी यही दुआ कर रहा है कि आज यह मिशन हर हाल में सफल हो जाए और भारत का डंका पूरे विश्व में बजे.
चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग में सन्हौला प्रखंड स्थित ताड़र गांव के रहने वाले वर्तमान में इसरो के विज्ञानी आयुष कुमार का अहम योगदान रहा है। उन्होंने इस मिशन में क्रायोजेनिक इंजन पर काम किया है जो कि सबसे भारी रॉकेट व्हीकल एलवीएम-3 के अपर स्टेज का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
उन्होंने इस मिशन पर बहुत ही तन्मयता और मेहनत से कार्य किया है। उनकी मेहनत रंग लाई और आज चंद्रयान-3 मिशन सफल हुआ।