भागलपुर तपस्वी मुनियों की भूमि है। बचपन में महर्षि मेंहीं से मिला था और भागलपुर का नाम काफी सुना पर यहां पहली बार आया हूं। काफी पहले से यहां आने की इच्छा थी। ये बातें आध्यात्मिक गुरु और आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर ने रविवार को भागलपुर के सैंडिस कंपाउंड में आयोजित महासत्संग में कहीं।
महासत्संग में रविशंकर ने मानव जीवन का मर्म समझाया। ध्यान और योग का जीवन में महत्व बताया। उन्होंने कहा कि दुनिया में किसी को भी गैर नहीं समझना चाहिए। शाम लगभग 6 बजे श्री श्री रविशंकर सैंडिस कंपाउंड पहुंचे। आयोजन स्थल पर अनुयायियों के साथ-साथ आमलोगों की भी काफी भीड़ थी। खास यह था कि श्री श्री रविशंकर सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के शिवलिंग का अवशेष लेकर पहुंचे थे। कार्यक्रम स्थल पर लोगों को शिवलिंग का दर्शन कराया गया तो पूरा माहौल शिवमय हो गया। हर-हर महादेव के नारे लगाने लगे। सोमवार की सुबह भी वह मोती मातृ सेवा सदन के कार्यक्रम में शामिल होंगे, फिर मुंगेर के लिए रवाना होंगे।
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