महाशिवरात्रि के मौके पर बुधवार को विभिन्न शिवालयों में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही। शिवभक्तों की भीड़ के कारण पूरा वातावरण शिवमय हो गया था। दिनभर रुद्राभिषेक, हवन, शृंगार के बाद देर रात में भगवान शिव और पार्वती का विवाह संपन्न हुआ। कई मंदिरों से भगवान भोलेनाथ की बारात निकाली गई। बारात में देशभक्ति की भावना, शहीदों की श्रद्धाजंलि, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, दहेज हटाओ बेटी घर बुलाओ आदि के भी संदेश दिये गए।
बूढ़ानाथ मंदिर, आदमपुर स्थित शिवशक्ति मंदिर, बाबा कुपेश्वरनाथ मंदिर, गढ़ैया स्थित गोलेश्वरनाथ मंदिर, दुग्धेश्वरनाथ महादेव मंदिर, पीपलेश्वरनाथ महादेव मंदिर, नागेश्वर धाम मंदिर, मनसकामनानाथ मंदिर, कुतुबगंज महादेव तालाब स्थित मंदिर में सुबह चार बजे ही श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के पट खोल दिये गए थे। वहीं बूढ़ानाथ मंदिर व शिवशक्ति मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए कतारबद्ध होकर पूजा-अर्चना करने की व्यवस्था थी। इधर, बूढ़ानाथ मंदिर के मैनेजर बाल्मिकी सिंह का दावा है कि मंदिर में करीब एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया।
हर-हर शंभू की गूंज
आदमपुर स्थित शिवशक्ति मंदिर को फूल व लाइट से आकर्षक तरीके से सजाया गया था। सुबह चार बजे ही मंदिर का पट खोल दिया गया था। दिनभर यहां मेले जैसे नजारा रहा।
पीपलेश्वरनाथ महादेव मंदिर में जागरण
टीटीसी कैंपस स्थित पीपलेश्वरनाथ महादेव मंदिर से शिव-शिष्य परिवार ने शिव-पार्वती की बारात निकाली। चार घोड़े, बैंड बाजार, दूत-भूत के साथ बारात निकली। मसाकचक व आदमपुर होती हुई बारात वापस मंदिर परिसर पहुंची।
दुग्धेश्वरनाथ महादेव का 100 किलो दूध से अभिषेक
वेरायटी चौक स्थित बाबा दुग्धेश्वरनाथ महादेव मंदिर में 100 किलो दूध से अभिषेक किया गया। यहां सुबह तीन बजे ही मंदिर का पट खोल दिया गया था।
चुनिहारी टोला राणी सती मंदिर परिसर से निकली बारात
इधर, एक दिल समिति की ओर से महाशिवरात्रि के मौके पर चुनिहारी टोला स्थित राणी सती मंदिर परिसर से भगवान भोलेनाथ की 97वीं बारात निकाली गई। बारात स्टेशन चौक, वेरायटी चौक, खलीफाबाग होते हुए मंदिर परिसर पहुंची। रथ में भगवान शिव व गणेश जी मूर्ति के साथ बैंड बाजे साथ में चल रहे थे। समिति के अध्यक्ष सौरभ जोशी ने बताया कि बैंड-पार्टी नगाड़ा पार्टी, घोड़े, बैलगाड़ी भूत-पिशाच, बाबा भोलेनाथ व माता पार्वती तथा भगवान गणेश की प्रतिमा के साथ हजारों लोग बारात में शामिल हुए। काशी के पंडितों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ रात 11 बजे धार्मिक रीति-रिवाज के साथ विवाह संपन्न कराया गया। जबकि पौराणिक परंपरा के तहत वेरायटी चौक पर वरमाला की रस्म अदायगी की गई।
हड़ियापट्टी में हुआ शिव विवाह का आयोजन
लायंस क्लब ऑफ भागलपुर की ओर से हड़ियापट्टी स्थित शिव मंदिर परिसर में पंडित रमण झा ने शिव विवाह कराया। मौके पर ब्रह्मदेव प्रसाद साह, डॉ पंकज टंडन, ई रंजीत कुमार सिंह, विरेन्द्र कुमार मिश्रा, मनोज कुमार शर्मा, राहुल अग्रवाल समेत अन्य मौजूद रहे।
महाशिवरात्रि पर निकाली गयी कलश शोभायात्रा
रत्तीपुर बैरिया में महाशिवरात्रि के अवसर पर बुधवार को श्री श्री 1008 बाबा नर्मदेश्वर महादेव प्रांगण से भव्य कलश शोभायात्रा निकाली गयी। शोभायात्रा का उद्घाटन जदयू नेता आशीष कुमार, सरपंच संघ के जिलाध्यक्ष आशुतोष कुमार आशीष उर्फ रंजीत यादव, मुखिया प्रमोद यादव, मेला अध्यक्ष लाल बहादुर शर्मा आदि ने किया।
गौशाला में महाशिवरात्रि महोत्सव का आयोजन
गौशाला स्थित नंदीश्वर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। इस दौरान बाबा भोले का आकर्षक शृंगार किया गया। जबकि बेंगलुरु के स्वामी परमतेज जी के सानिध्य में महारुद्राभिषेक किया गया। वहीं बेदाचार्य गौतम पांडे ने पूजन विधान कराया। इस बीच चेतांशी दीदी व पल्लव हलधर की प्रस्तुति पर श्रोता झूम उठे।
बूढ़ानाथ मंदिर में सुबह चार बजे से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी। जबकि आठ बजे के बाद श्रद्धालुओं की संख्या और भी बढ़ गई। श्रद्धालुओं ने पक्तिबद्ध होकर पूजा-अर्चना की। वहीं शाम में दही, दूध, घी, मधु, चमेली के तेल, शृखंड चंदन, अष्टगंध, गन्ना का रस से भगवान का शृंगार किया गया। इसके बाद बाबा भोलेनाथ की आरती हुई। महंथ शिवनारायण गिरी व 11 पंडितों के द्वारा भगवान शिव व पार्वती की शादी संपन्न कराई गयी।
भोलेनाथ कमेटी की ओर से सराय स्थित शिव मंदिर में शिवरात्रि के मौके पर जागरण का आयोजन किया गया। इस दौरान कलाकारों ने देर रात तक श्रद्धालुओं को झुमाया। ‘शंकर भोले…’ व लेकर पूजा की थाली…’, ‘भोले ही भोले…’, ‘न हमसे भंगिया पिसाई ऐ गणेश के पापा…’ समेत अन्य शिव गीतों पर श्रद्धालुओं मंत्रमुग्ध होते रहे।
कोतवाली चौक स्थित बाबा कुपेश्वरनाथ मंदिर में सुबह चार बजे ही शृंगार पूजा की गई। यहां 51 लीटर गन्ना का रस, 21 लीटर दूध, पांच किलो दही, सवा लीटर शहद, सवा किलो घी, सवा किलो भांग, अबीर-गुलाल, गुलाब जल से भगवान शिव का शृंगार हुआ। देर रात भगवान शिव व पार्वती का विवाह संपन्न हुआ।
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