2027 तक बन जाएगा भागलपुर नवगछिया फोरलेन !

भागलपुर से नवगछिया तक फोरलेन बनाने का काम वर्ष 2027 से पहले संभव नहीं है। कारण, जिस रफ्तार से डीपीआर बनाने के लिए एजेंसी के चयन का काम हो रहा है। उस रफ्तार से कम से कम दो साल का वक्त प्राक्कलन बनने के बाद सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (मॉर्थ) से राशि की मांग से लेकर टेंडर निकालने, ठेका एजेंसी चयनित होने और वर्क ऑर्डर देने में लग जाएगा। डीपीआर एजेंसी का चयन एक साल से प्रक्रिया में है। अब दो एजेंसी ने इच्छा जताई है। जिसके कागजों की जांच सोमवार से होगी।

अभियंताओं ने बताया कि अभी प्रूफ ऑफ एलिजिबिलिटी खोला गया है। इससे सीएस (कंप्रेटिव स्टेटमेंट) बनाया जाएगा। इस स्टेटमेंट में यह उल्लेख रहता है कि डीपीआर एजेंसी से क्या-क्या जानकारी मांगी गई थी। इसके एवज में एजेंसी ने क्या-क्या दिया है? फिर इसका रिकार्ड बनाकर प्रूफ के साथ मंत्रालय को भेजा जाएगा। जिस डीपीआर एजेंसी का प्रपोजल रेट कम होगा। उसे ही फोरलेन का एस्टीमेट बनाने का काम दिया जाएगा।

दो फेज में डीपीआर का काम होगा

डीपीआर बनाने का काम दो चरण में होगा। पहले फेज में नवगछिया जीरोमाइल से जाह्नवी चौक सेतु से पहले तक और विक्रमशिला सेतु छोड़कर दक्षिण छोर से टोल प्लाजा बरारी कॉर्नर तक (एनएच 131 बी) 9.800 किमी बनाई जाएगी। इसके बाद दूसरे फेज में टोल प्लाजा बरारी कॉर्नर से जिच्छो पंप तक (एनएच 80 बायपास) 6.100 किमी तक बनाई जाएगी।

प्रूफ ऑफ एलिजिबिलिटी की जांच के बाद टेक्निकल प्रपोजल और फाइनेंशियल प्रपोजल की जांच होगी। एजेंसी फाइनल होने में लंबा वक्त लगेगा। – बृजनंदन कुमार, कार्यपालक अभियंता, एनएच

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.