भागलपुर : बाढ़ के बाद बारिश से त्रस्त हूए बेघर हो चुके लोग
भागलपुर : कहलगांव अनुमंडल क्षेत्र में दो दिनों से हो रही तेज बारिश और हवा के झोंकों ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में टेंट लगाकर रहने वाले लोगों की मुश्किल बढ़ा दी है। कई जगह चल रही सामुदायिक रसोई में बाढ़ पीड़ितों को पॉलीथिन टांग कर भोजन कराया जा रहा है। वहीं बीरबन्ना पंचायत के पंचायत समिति के सदस्य गंगाधर राज ने बताया कि तौफील और अंठावन गांव पूरा तरह जलमग्न है। अभी भी गांवों और सड़कों में 4 से 5 फीट से ऊपर पानी है।
सामुदायिक रसोई अंतिचक पंचायत के मध्य विद्यालय नंदगोला में चल रहा है। जो गांव से डेढ़ से दो किलोमीटर दूरी पर है। वहीं अंचल प्रशासन के द्वारा नौका की उपलब्ध नहीं कराए जाने से लोगों को कमर भर पानी में भींग कर भोजन करने जाना पड़ता है। लोगों ने सामुदायिक रसोई का संचालन गांव के मध्य विद्यालय अंठावन में कराये जाने की मांग की है।
वहीं लगातार हो रही बारिश और झारखंड क्षेत्र से उतरने वाली पानी से नदियों में बहाव तेज हो गया है। किशनदासपुर शिवनारायणपुर रोड पर दो फीट पानी चढ़ गया है तो एनटीपीसी से होकर चाय टोला धनोरा जाने वाली सड़क पर कटाव का खतरा है।
चौखंडी और काली प्रसाद पुल पर बढ़ा खतरा
वहीं पीरपैंती में भी बारिश से बाढ़ पीड़ितों को परेशानी हो रही है। वहीं पानी का बहाव तेज होने के कारण दियारा क्षेत्र के दो महत्वपूर्ण पुल चौखंडी और काली प्रसाद पुल पर खतरा मंडरा रहा है। नीचे से और ऊपर से दोनों पुल काफी जर्जर हो चुका है। चौखंडी पुल की स्थिति तो बेहद खराब है। यह साइड से भी काफी क्षतिग्रस्त हो गया है। ग्रामीणों ने बताया कि यह पुल कभी भी ध्वस्त हो सकता है। यही हाल काली प्रसाद पुल का है। यदि यह पुल टूटा तो पीरपैंती प्रखंड और कहलगांव प्रखंड सहित कटिहार जिले के कई गांवों का प्रखंड मुख्यालय, रेलवे स्टेशन, पीरपैंती थाना, एसडीपीओ कार्यालय आदि से संपर्क बिल्कुल खत्म हो जाएगा।
बाढ़ पीड़ितों के घरों में अभी भी भरा है पानी
सुल्तानगंज। प्रखंड के कई पंचायत पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में हैं। सैकड़ो घरों के अंदर बाढ़ का पानी भरा पड़ा है। बाढ़ पीड़ित सड़क किनारे और ऊंचे स्थानों पर अपना बसेरा डाले हुए हैं। कुछ बाढ़ पीड़ितों ने अपने समान को बचाने के लिए कई लोगों ने छत पर सामान रख लिया था। बारिश होने से उनका पूरा सामान भीग रहा है। सीओ रवि कुमार ने बताया कि बुधवार को 39 सामुदायिक रसोई चलाई गई। लगभग दो हजार पीस पॉलीथिन बाढ़ पीड़ितों के बीच वितरित किया गया है। पानी की स्थिति सामान्य रही तो सामुदायिक रसोई बंद कर दी जाएगी। जहां अति आवश्यक होगी वहीं सामुदायिक रसोई चलाई जाएगी।
एनएच पर लगाया जाम
सुल्तानगंज। महेशी पंचायत के वार्ड संख्या एक के बाढ़ पीड़ितों ने बुधवार सुबह आठ बजे तिलकपुर दुर्गा स्थान के समीप एनएच 80 पर प्लास्टिक और बाढ़ राहत की मांग को लेकर जाम कर एक घंटे जाम लगा दिया। इससे सड़क पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। सूचना पर सीओ रवि कुमार, बीडीओ संजीव कुमार, थानाध्यक्ष प्रियरंजन, मुखिया प्रतिनिधि आनंद कुमार मौके पर पहुंचे और लोगों को आश्वासन दिया। इसके बाद बाढ़ पीड़ितों ने जाम हटाया। इधर महेशी पंचायत महादलित टोला के बाढ़ पीड़ित सीओ से उनके कार्यालय में पहुंच प्लास्टिक का मांग की।
जलस्तर तो घटा लेकिन लोगों की परेशानी नहीं
अकबरनगर। अकबरनगर के दियारा व बहियार इलाकों से बाढ़ का पानी का स्तर घटना शुरू हो गया है। लेनिक उनकी परेशानी अभी भी कम नहीं हुई है। इलाके की फसल पूरी तरह डूब गई है।
रंगरा पीडब्ल्यूडी सड़क पर चढ़ा बाढ़ का पानी
नवगछिया। गंगा के जलस्तर में कमी के बाबजूद बाढ़ का पानी लगातार नए इलाकों में प्रवेश कर रहा है। बुधवार की सुबह बाढ़ का पानी कटरिया रेलवे स्टेशन से रंगरा होकर तीनटंगा जानेवाली पीडब्ल्यूडी सड़क पर चढ़ गया, जिससे आवागमन बाधित होने के कगार पर है। सड़क धीरे-धीरे कट भी रही है। यह सड़क रंगरा प्रखंड के दस पंचायतों के अलावा गोपालपुर प्रखंड के कई पंचायतों को जोड़ती है। बाढ़ का पानी रंगरा गांव में चारों तरफ फैल गया है। यहां के अधिकांश घरों में बाढ़ का पानी आ जाने से लोग घरों के छतों और सड़कों पर पन्नी डालकर रह रहे हैं। गांव के मुखिया टोला, दुर्गास्थान, पछियारी टोला पूरी तरह जलमग्न हो गया है। घरों में पानी आ जाने के कारण लोगों के घरों में चूल्हा नहीं जल रहा है।
जमींदारी तटबंध सुरक्षित
बिहपुर। आंधी में पेड़ उखड़ने के कारण क्षतिग्रस्त हुए जमींदारी तटबंध पर अभियंताओं की मौजूदगी में बुधवार को बचाव कार्य जारी रहा। जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता धीरेंद्र कुमार ने कहा कि बिहपुर प्रखंड के नरकटिया-नन्हकार जमींदारी गंगा तटबंध पूरी तरह सुरक्षित है। पूरी स्थिति नियंत्रण में है।
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