भागलपुर शहर के सबसे पुराने दवा कारोबारी आत्माराम के पोते रौनक केडिया हत्याकांड में पुलिस अभी तक दो दर्जन से ज्यादा लोगों से पूछताछ कर चुकी है। घटनास्थल के आसपास और शहर के विभिन्न इलाकों में लगभग 40 जगहों पर सीसीटीवी फुटेज खंगाला जा चुका है। पुलिस के पदाधिकारी 20 बार से ज्यादा घटनास्थल का जायजा ले चुके हैं। इसके बावजूद पुलिस सफलता से दूर है। पुलिस की टीम जिले से बाहर भी छापेमारी कर रही है लेकिन कुछ ठोस सबूत हाथ नहीं लगा है। घटना के बाद शहर छोड़कर भाग निकले अपराधियों की तलाश में पुलिस की टीम बाहर भी गई पर वे हाथ नहीं आए हैं। हत्याकांड के 10 दिन बाद भी न अपराधियों की पहचान हुई न ही कांड के पीछे का कारण ही पता चल सका है। गौरतलब है कि सात अगस्त की रात एमपी द्विवेदी रोड से सटे शनि मंदिर गली में रौनक को गोलियों से भून दिया गया था।
किसके सीने में छिपा है राज, नहीं पहुंच सकी है पुलिस
रौनक को जिस तरह गोलियों से भूना गया इससे पुलिस भी उसे एक टारगेटेड मर्डर मान रही है। यह भी साफ है कि वहां पहचान का भी संकट नहीं था क्योंकि एक संदिग्ध ने शूटर को लाइन भी दिया है और रौनक के गली में घुसते ही शूटर भी पीछे से घुस जाता है।
इस तरह का टारगेटेड मर्डर बिना किसी ठोस कारण के हो ऐसा नहीं हो सकता। ऐसे में सवाल है कि इस चर्चित हत्याकांड का राज किसके सीने में छिपा है। कौन है जो बहुत कुछ जान रहा है पर बता नहीं रहा। कौन है जो घटना के उद्भेदन में पुलिस की मदद नहीं कर रहा। ऐसा शख्स कौन हो सकता है, यह पुलिस भी काफी हद तक जान रही है पर पूछताछ के लिए कदम उठा पाना मुश्किल दिख रहा। पिछले 10 दिन में पुलिस ने शहर के विभिन्न इलाकों से कई लोगों को पूछताछ के लिए उठाया है। ऐसा भी देखा गया है कि एक ही शख्स को पूछताछ के लिए कई बार बुलाया जा चुका है पर कुछ खास हाथ नहीं लगा।