भागलपुर : हबीबपुर थाना क्षेत्र के खिलाफत नगर में मंगलवार को हुए बम विस्फोट मामले में पुलिस ने अब्दुल सत्तार को हिरासत में ले लिया है। अब्दुल उसी घटना में जख्मी हुए राजा का पिता है। अब्दुल के अलावा पुलिस ने उसी मोहल्ले के शाहिद को भी हिरासत में लिया था। उसे छोड़ दिया गया है।
बुधवार को डॉग स्क्वायड के साथ पुलिस उस मोहल्ले और उसके आसपास सर्च अभियान भी चलाया। हालांकि सर्च अभियान में पुलिस को कुछ हाथ नहीं लगा। गौरतलब है कि मंगलवार को हुए बम विस्फोट में वहां खेल रहे आठ बच्चे जख्मी हो गए थे। जिनका इलाज चल रहा है।
लोगों में भय का माहौल, पुरुष काम पर भी नहीं गए
बम विस्फोट की घटना के बाद खिलाफत नगर में रहने वाले लोगों के बीच भय का माहौल है। वे इतने डरे हुए हैं कि बुधवार को मोहल्ले में रहने वाले पुरुष काम पर भी नहीं गए। वहां रहने वाली महिलाएं और बच्चे भी भय में दिखे। लोगों ने बताया कि इस तरह कहीं से बम लाकर बच्चा विस्फोट कर सकता है तो यह बहुत ही खतरनाक बात है। ऐसे में कभी भी कुछ भी हो सकता है। गौरतलब है कि घटना के बाद मोहल्ले की सड़क पर खून पसरा हुआ था। घटना के बाद दो बच्चों का इलाज लोग घर में ही करा रहे थे। किसी ने मोहल्ले में यह बात फैला दी कि जख्मी को परिजनों को मुआवजा मिलेगा। इसकी चर्चा होते ही तीन साल के जख्मी बच्चे के परिजन उसे लेकर थाना पहुंच गए और इलाज कराने की बात कहने लगे। पुलिस ने उन्हें अस्पताल भेजा। अस्पताल में प्राथमिक इलाज के बाद उन्हें वापस घर भेज दिया गया। घटना को लेकर जख्मी बच्चे गोलू की मां रुखसार के बयान पर अज्ञात के विरुद्ध केस दर्ज किया गया है।
15 साल पहले आया, घटनास्थल पर भी नहीं गया
बम विस्फोट मामले में हिरासत में लिया गया अब्दुल सत्तार उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित सिकंदरा का रहने वाला है। 15 साल पहले उसने साथ काम करने वाली खिलाफत नगर की चुन्नी उर्फ निशा से शादी कर ली और उसके बाद यहीं आकर बस गया। वह राजमिस्त्रत्त्ी का काम करता है। विस्फोट में जख्मी बच्चे आरिफ ने पुलिस को बताया था कि राजा ही बम लेकर आया था और पटककर धमाका कर दिया। अब्दुल पर संदेह होने के अन्य कारण भी हैं। बम विस्फोट में बेटे राजा के जख्मी होने के बाद भी अब्दुल सत्तार उसे देखने घटनास्थल पर नहीं पहुंचा था। अब्दुल का ससुर अख्तर भी यहीं रहता है। उसका एक साला झारखंड में रहता है जबकि दूसरा दिल्ली में।