भागलपुर : पीरपैंती प्रखंड के ईशीपुर में स्थित मां काली का मंदिर तकरीबन 150 वर्ष से भी अधिक पुराना है। मंदिर की स्थापना तत्कालीन ईशीपुर बाराहाट के नगर सेठ जादू राय लाठ के सहयोग से किया गया था।
बताया जाता है कि उन्हें संतान नहीं थी तो उन्होंने काफी मन्नतें मांगी, पूजा-पाठ किया, फिर भी संतान नहीं हुई, तो माता काली की आराधना की, इसके बाद मां की कृपा से उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। जिसका नाम सेठ ने कालू राय रखा और इस खुशी में मां काली के मंदिर की स्थापना कराई। कालू राय के दो पुत्र हुए, विश्वेश्वर लाठ और अनंत लाठ। दोनों ने मंदिर की देखरेख और सेवा की। जबकि अनंत के तीन पुत्रों में से एक उनके पुत्र श्याम सुंदर लाठ जो 83 वर्ष के हैं ने बताया कि उस वक्त मंदिर ईंट के दीवारों की बनी थी। तकरीबन 81 वर्ष पूर्व यहां श्यामा नाट्य समिति की स्थापना की गई और तब से आज तक समिति द्वारा यहां नाट्य मंचन हो रहा है। कालीपूजा कराने वाले मुख्य पुजारी और बौंसी के पंडित मनोज हैं। जबकि स्थायी पुजारी संतोष मिश्रा हैं।