भागलपुर : नवगछिया के खरीक बाजार स्थित विश्वकर्मा चौक पर चल रहे अवैध क्लीनिक में रविवार की सुबह करीब आठ बजे पश्चिमी घरारी निवासी हीरालाल दास की 38 वर्षीय पत्नी शीलमी देवी की पेट में पथरी (स्टोन) के ऑपरेशन के बाद मौत हो गई। घटना के बाद क्लीनिक संचालक अपनी पूरी टीम के साथ मृतका को क्लिीनिक में छोड़कर फरार हो गया।
घटना की जानकारी मिलने के बाद मृतका के परिजन और ग्रामीण क्लीनिक पहुंचे और जमकर हंगामा किया। इसके बाद उन्होंने खरीक पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही खरीक थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर नरेश कुमार, जेएसआई धर्मेंद्र कुमार वर्मा, सौरभ कुमार सिंह घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने परिजनों और ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत किया और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए नवगछिया अनुमंडलीय अस्पताल भेज दिया। मृतका के पुत्र मिथुन कुमार ने बताया कि उनकी मां को पांच नवंबर को पेट में दर्द हुआ था। ग्रामीण चिकित्सकों से इलाज कराने के बाद वह ठीक हो गई थीं, लेकिन दो दिन बाद फिर दर्द हुआ। इस पर गांव की आशा कार्यकर्ता नूतन देवी उन्हें निजी क्लीनिक में जांच कराने ले आई। डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड कराने को कहा और बाद में यह बताया कि उनकी मां के पेट में पथरी है, जिसका ऑपरेशन करना होगा। ऑपरेशन के लिए 35,000 रुपये तय किए गए। पुत्र मिथुन ने बताया कि आशा कार्यकर्ता ने उन्हें प्रलोभन दिया कि अगर ऑपरेशन भागलपुर में कराया जाता है, तो खर्च ज्यादा होगा और सात दिन तक अस्पताल में रहना पड़ेगा। इसके बजाय यहां ऑपरेशन करा लिया जाए। इस प्रलोभन के बाद शनिवार को 30,000 रुपये क्लीनिक में जमा कर उनकी मां को भर्ती किया गया। ऑपरेशन के दौरान मां काफी चिल्ला रही थीं, मैंने डॉक्टरों से कहा तो उन्होंने कहा कि ऑपरेशन में थोड़ा दर्द होता है। डॉक्टर मैं हूं, तुम नहीं और रविवार की सुबह मां की मौत हो गई।
संचालक पर हो कार्रवाई
उपमुखिया रुकेश कुमार दास ने कहा कि मृतका गरीब परिवार से हैं, और उनके पति की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। अब उनकी चार बेटियां और एक बेटा कैसे पाले जाएंगे, यह सोचने वाली बात है। क्लीनिक संचालक पर कड़ी कार्रवाई हो। खरीक थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर नरेश पासवान ने कहा कि परिजनों ने अभी तक लिखित शिकायत नहीं दी है। वहीं पीएचसी प्रभारी डॉ. सुजीत कुमार ने बताया कि उनके क्षेत्र में इस नाम का कोई कानूनी क्लीनिक संचालित नहीं है, और उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है।