भागलपुर के जोगसर थानाक्षेत्र के मानिक सरकार चौक स्थित केके नर्सिंग होम में मरीज की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया। मौके पर पहुंची आदमपुर पुलिस ने हंगामा कर रहे परिजनों को शांत कराया। बलुआचक निवासी मनीष कुमार ने बताया कि उनके पिता बिंदेश्वरी पोद्दार को दोपहर बाद 12 बजे केके नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। यहां के चिकित्सक डॉ. आशीष सिन्हा शहर में नहीं थे और उन्होंने वीडियो कॉल से देखने के बाद आईसीयू में भर्ती कर दिया।
मनीष के आरोपों के अनुसार, डॉक्टर शहर में नहीं थे और इलाज के लिए आईसीयू में भर्ती कर लिया गया। इलाज के नाम पर 2.60 लाख रुपये ले लिया गया। लापरवाही के कारण पिता की मौत हो गई। वहीं चिकित्सक आशीष सिन्हा ने कहा कि मरीज का मायागंज अस्पताल में इलाज चल रहा था। मरीज के पूरे शरीर में इंफेक्शन फैल गया था और जब लाया गया तो उसका ऑक्सीजन 52 प्रतिशत पर आ गया था। मैंने कहा था मैं शहर में नहीं हूं, इलाज मुमकिन नहीं है। लेकिन परिजनों ने वीडियो कॉल पर ही इलाज की लिखित सहमति दी। मरीज को जब आईसीयू में भर्ती किया गया, तब 20 हजार रुपये परिजनों से लिए गये।
बलुआचक निवासी मनीष कुमार ने बताया कि उनके पिता बिंदेश्वरी पोद्दार को दोपहर बाद 12 बजे केके नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। नर्सिंग होम के डॉ. आशीष सिन्हा शहर में नहीं थे और उन्होंने वीडियो कॉल से मरीज को देखने के बाद आईसीयू में भर्ती कर दिया।
मृतक के पुत्र मनीष ने आरोप लगाते हुए कहा कि डॉक्टर शहर में नहीं थे और इलाज के नाम पर आईसीयू में भर्ती कर लिया गया। इलाज के नाम पर 2लाख 60 हजार रुपये ले लिया गया।
मनीष के अनुसार इलाज में लापरवाही के कारण उनके पिता की मौत हो गई।
वहीं डॉ. आशीष सिन्हा ने कहा कि मरीज का मायागंज अस्पताल में इलाज चल रहा था।मरीज के पूरे शरीर में इंफेक्शन फैल गया था और जब लाया गया तो उसका ऑक्सीजन 52 प्रतिशत पर आ गया था। मरीज के परिजनों को बोल दिया था कि मरीज की हालत गंभीर है और मैं शहर में नहीं हूं, इलाज मुमकिन नहीं है, लेकिन परिजनों ने वीडियो कॉल के आधार पर ही इलाज करने की लिखित सहमति दी। इनसे मात्र अभी तक 35,000 रुपए ही लिए गए हैं।
बता दें कि इस नर्सिंग होम में यह कोई पहली घटनाएं नहीं है.इससे पहले भी यहां पर ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं.