भागलपुर : शहर के घंटाघर चौक के पास शनिवार को अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंचे यातायात पुलिस उपाधीक्षक आशीष कुमार सिंह के डांटने के बाद भागने के क्रम में एक फल विक्रेता(वेंडर) महेन्द्र साह की मौत हो गई। 60 वर्षीय मृतक फुटकर विक्रेता मुंदीचक के रहने वाले थे। भागने के क्रम में मृतक की पत्नी कमला देवी भी आंशिक रूप से घायल हो गईं। सूचना मिलने के बाद परिजन और सैकड़ों की संख्या में फुटकर विक्रेताओं ने इकट्ठा होकर हंगामा शुरू कर दिया। घंटाघर चौक के पास आगजनी कर सड़क जाम कर दिया।
आरोप बेबुनियाद हैं
यातायात पुलिस उपाधीक्षक आशीष कुमार सिंह ने कहा कि मृतक फुटकर विक्रेता के परिजन के लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होनें कहा कि रविवार को होने वाले कार्यक्रम को लेकर अतिक्रमण हटाने के लिए माइक से एनाउंस किया जा रहा था। कई दुकानदारों ने मना करने के बाद भी छाता लगाकर दुकान खोल लिया था। एनाउंस कर वापस लौटने के बाद सूचना मिली कि एक फुटकर विक्रेता की मौत हो गई है।
घटना में जो भी दोषी पाए जाएंगे उनपर कार्रवाई की जाएगी। सीसीटीवी फुटेज खंगाला जा रहा है। आम लोगों से भी मारपीट का वीडियो उपलब्ध कराने को कहा गया है।
-हृदयकांत, वरीय पुलिस अधीक्षक
अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान फुटकर विक्रेता की मौत के बाद शनिवार को करीब पांच घंटे तक घंटाघर का इलाका रणक्षेत्र बना रहा। घंटाघर चौक से शहीद भगत सिंह चौक के बीच सड़क जाम रहा तो आक्रोशित लोगों की पुलिस के साथ तनातनी भी होती रही। हंगामा बढ़ता देख बड़ी संख्या में पुलिस बलों को उतारा गया। इसमें रैपिड एक्शन फोर्स भी थी। वहीं आग पर काबू पाने के लिए दमकल मंगाए गए। कई बार पुलिस पदाधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने उग्र लोगों को समझाने का प्रयास किया लेकिन तमाम कोशिशों के बाद लोग नहीं मान रहे थे। यातायात पुलिस उपाधीक्षक पर तुरंत कार्रवाई की मांग कर रहे थे। परिजनों ने सरकारी नौकरी देने, दस लाख रुपया नकद देने की की भी मांग रखी। मौके पर पहुंचे सदर एसडीओ धनंजय कुमारन ने मृतक के परिजन को चार लाख रुपया देने का लिखित आश्वासन दिया। इसके बाद परिजन शव को लेकर पोस्टमार्टम कराने गए। वरीय पुलिस अधीक्षक ने इस मामले के जांच के आदेश दिए है। घटना स्थल पर भागलपुर विधायक के अलावा कई अन्य लोग पहुंच कर मृतक के परिजन को समझाने का काम किया। फुटकर विक्रेताओं ने कई तरह के गंभीर आरोप भी लगाए हैं।
थानों के निजी ड्राइवर करते हैं वसूली
हंगामा कर रहे लोगों का आरोप था कि कई थानों के निजी ड्राइवर आते हैं और वसूली करते हैं। कपड़ा, फल और अन्य दुकानदारों ने आरोप लगाया कि कई थाना के पुलिसकर्मी दवाब बनाकर थाना के निजी ड्राइवर के माघ्यम से जबरन सामान लेकर जाते हैं। मना करने के पर झूठे केस में फंसाने की धमकी देने के साथ जगह खाली करवा देने की बात भी कहते हैं। पुलिसकर्मियों के आतंक से स्थानीय फुटकर दुकानदार काफी आक्रोश में दिखे।