सुल्तानगंज में बनेगा भागलपुर का नया ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट

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भागलपुर : वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने सोमवार को घोषित बिहार बजट में स्पष्ट कर दिया है कि भागलपुर में नया एयरपोर्ट सुल्तानगंज में ही बनेगा। इसके साथ ही गोराडीह की उम्मीद समाप्त हो गई है। प्रशासनिक स्तर से अब तक सुल्तानगंज और गोराडीह में जमीन चिह्नित करते हुए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) को स्थल जांच का जिम्मा दिया था। लेकिन विधानसभा में वित्त मंत्री की घोषणा ने तस्वीर साफ कर दी है।

जिला पर्यटन पदाधिकारी मिथिलेश कुमार सिंह बताते हैं, सुल्तानगंज में एयरपोर्ट बनने से शिवभक्त खासकर श्रावणी मेला में कांवरियों को सुविधा होगी। सुल्तानगंज में उत्तरवाहिनी गंगा का जल देवघर स्थित बाबा बैजनाथ धाम में चढ़ाने की परंपरा निभाने के लिए देश के कोने-कोने से यहां सावन में श्रद्धालु जुटते हैं। हवाई सेवा शुरू होने से विदेश से भी भारी संख्या में कांवरिया यहां पहुंचेंगे। इससे यहां का पर्यटकीय विकास होगा और इलाके की उन्नति होगी। उन्होंने बताया, फोरलेन सड़क बनने से भागलपुर से सुल्तानगंज जाना अधिक दूर नहीं होगा। कई बड़े व्यवसायी भी एयरबस से सुल्तानगंज उतरकर भागलपुर में बैठक आदि कर वापस लौट सकेंगे। इन्हीं सब वजहों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सुल्तानगंज में नया एयरपोर्ट बनाने का फैसला किया है।

सुल्तानगंज में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट और उड़ान योजना के तहत भागलपुर एयरपोर्ट को छोटे विमानों की उड़ान के लिए तैयार करने के एलान का स्वागत है। -शाहनवाज हुसैन, पूर्व केन्द्रीय मंत्री

फोरलेन से दक्षिण में 855 एकड़ जमीन चिह्नित 

बता दें कि नए एयरपोर्ट के निर्माण के लिए सुल्तानगंज-देवघर रोड से पश्चिम और निर्माणाधीन फोरलेन से दक्षिण की ओर कुल 855 एकड़ जमीन चिह्नित की गई है। इसमें मसदी मौजा में 300 एकड़, नोनसर मौजा में 225 एकड़, राजगंज मौजा में 50 एकड़, कसवा मौजा में 205 एकड़, सुजापुर मौजा में 40 एकड़ और मंझली मौजा में 35 एकड़ जमीन होने की जानकारी दी गई है।

राज्य सरकार ने बजट में महिलाओं की सुरक्षा से लेकर रोजगार और हुनरमंद करने तक पर ध्यान दिया है। सरकार ने राज्य के प्रमुख शहरों में महिला वाहन परिचालन प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना का निर्णय लिया है। जिसमें महिलाएं ही प्रशिक्षण देंगी। इस घोषणा का भी लाभ भागलपुर को निश्चित रूप से मिलेगा। क्योंकि पटना के बाद भागलपुर बिहार का प्रमुख जिला माना जाता है।

सरकार ने महिलाओं के लिए पिंक बस चलाने का निर्णय लिया है। यह प्रमुख शहरों में चलेगी। यानी भागलपुर में इसका चलना तय है। इसकी खासियत यह है कि ड्राइवर व कंडक्टर भी महिला होंगी। बिहार राज्य पथ परिवहन निगम से चालक, कंडक्टर, डिपो मेंटेनेंस स्टाफ के पदों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देकर महिलाओं को बस परिचालन व टिकट चेकिंग आदि के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा।

ई-रिक्शा व बाइक की खरीद पर अनुदान

भागलपुर में हजारों की संख्या में कामकाजी महिलाएं सरकारी या निजी संस्थानों में ड्यूटी करती हैं। वाहन परिचालन की ट्रेनिंग लेने के बाद उनका ड्राइविंग लाइसेंस निर्गत करने में सहूलियत होगी। स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए महिला चालकों को ई-रिक्शा एवं दो पहिया वाहन के व्यवसायिक परिचालन के लिए खरीद पर नगद अनुदान दिया जाएगा।

महिला सिपाहियों को थाने के समीप आवास सुविधा

महिला सिपाहियों को पदस्थापित थाने के समीप किराये पर आवास लेकर आवासन की सुविधा देने का निर्णय लिया है। इस घोषणा से सभी जिलों में पदस्थापित महिला सिपाहियों को आवास सुविधा मिल सकेगी। भागलपुर के लिए यह घोषणा खास है। भागलपुर में महिला सिपाहियों को ट्रेनिंग दी जाती है।

कहलगांव और नवगछिया में खुल सकता है रेफरल अस्पताल

भागलपुर। राज्य सरकार ने बड़े अनुमंडलों में अनुमंडलीय अस्पताल के अलावा रेफरल अस्पताल खोलने का भी निर्णय लिया है। ऐसे में कहलगांव और नवगछिया में एक-एक रेफरल अस्पताल खुलने की संभावना लग रही है। नवगछिया अनुमंडल में नवगछिया, नारायणपुर, खरीक, बिहपुर, रंगरा चौक, इस्माईलपुर और गोपालपुर प्रखंड समाहित हैं। ऐसे में इन सात प्रखंडों के लिए एक रेफरल अस्पताल का निर्माण मील का पत्थर साबित हो सकेगा। कहलगांव में कहलगांव, पीरपैंती व सन्हौला प्रखंड जुड़ा है।

 

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