मुंबई में दही हांडी उत्सव में पिरामिड बनाते समय 206 गोविंदा हुए घायल
भगवान श्री कृष्ण को समर्पित ‘जन्माष्टमी का महापर्व सनातन धर्म में बड़े ही धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। श्री कृष्ण के जन्म के उपलक्ष्य में हल साल बड़े धुमधाम से दही हांडी उत्सव का आयोजन किया जाता है। मुंबई और राज्य के अन्य हिस्सों में यह उत्सव पारंपरिक उत्साह एवं उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। उत्सव के तहत दही हांडी के प्रतिभागी बहु-स्तरीय मानव पिरामिड बनाते हैं और हवा में लटकी दही हांडी को तोड़ते हैं। इस बीच बताया जा रहा है कि मुंबई में मंगलवार को दही हांडी उत्सव के तहत मानव पिरामिड बनाने में शामिल कम से कम 206 गोविंदा घायल हो गए, जिनमें से 15 को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
एक नगर निगम अधिकारी ने बताया कि रात नौ बजे तक कुल 206 गोविंदा घायल हो गए। पंद्रह गोविंदाओं को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया, 17 का ओपीडी में इलाज किया गया और 74 अन्य को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। शाम छह बजे तक कुल 63 गोविंदाओं का विभिन्न सरकारी, निजी अस्पतालों में इलाज किया गया। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के एक अधिकारी ने बताया कि इन घायल गोविंदाओं को बीएमसी संचालित और निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
जन्माष्टमी के तहत दही हांडी उत्सव में लोग उत्साहपूर्वक हिस्सा ले रहे हैं। मुंबई और राज्य के अन्य हिस्सों में यह उत्सव पारंपरिक उत्साह एवं उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। उत्सव के तहत दही हांडी के प्रतिभागी बहु-स्तरीय मानव पिरामिड बनाते हैं और हवा में लटकी दही हांडी को तोड़ते हैं। ठाणे शहर के टेंभी नाका में दही हांडी कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि उनके गुरु आनंद दिघे ने इस उत्सव को पुनर्जीवित किया, जिससे परंपराओं और सामुदायिक भावना को बल मिला है।
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