राज्य सरकार ने नियमित रूप से अपने वक्तव्यों की वजह से विवाद में रहने वाले शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को उक्त विभाग से विदा कर दिया है। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता को शिक्षा विभाग का नया मंत्री बनाया गया है।
वहीं, चंद्रशेखर को अपेक्षाकृत कम महत्वपूर्ण महकमा गन्ना विभाग का जिम्मा दिया गया है। रात नौ बजे के बाद मुख्य सचिव के हस्ताक्षर से शनिवार को इस आशय की अधिसूचना जारी की गयी।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का अतिरिक्त प्रभार लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री ललित यादव को दिया गया है। यह कहा जा रहा कि चंद्रशेखर को शिक्षा विभाग से विदा किए जाने को लेकर शुक्रवार को ही उस समय सहमति बन गयी थी, जब लालू प्रसाद और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक अणे मार्ग जाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भेंट की थी।
चंद्रशेखर ने केके पाठक को लेकर दिया था बयान
इसे शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के साथ शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की अनबन भी माना जा रहा है। अपर मुख्य सचिव केके पाठक जब छुट्टी पर गए थे तो शिक्षा मंत्री ने सार्वजनिक रूप से यह कहा था वह शिक्षा विभाग से विदा हो गए। वह काम नहीं करना चाहते थे, इसी वजह से छोड़कर चले गए।
यह चर्चा तेजी से फैली कि केके पाठक अब शिक्षा विभाग में वापस नहीं लौटेंगे। इसी दौरान मु्ख्यमंत्री ने केके पाठक को बुलवाया। मुख्यमंत्री से बातचीत के अगले ही दिन के के पाठक ने शिक्षा विभाग में योगदान कर लिया। यह कहा जा रहा था कि अपर मुख्य सचिव व मंत्री के बीच अनबन की वजह से शिक्षा विभाग का कामकाज प्रभावित हो रहा है।
शिक्षा मंत्री के रूप में चंद्रशेखर अपने विवादास्पद बयानों की वजह से लगातार चर्चा में आ गए। उन्होंने रामायण पर टिप्पणी की। इस पर काफी शोर हुआ। यहां तक कि तेजस्वी यादव को बयान देना पड़ा कि चंद्रशेखर अपने विभाग पर खुद को केंद्रित रखें।
भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी के खिलाफ भी चंद्रशेखर का बयान खूब चर्चा में था। इस वजह से जदयू और राजद के रिश्ते पर भी विपक्ष द्वारा सवाल उठाया जाने लगा था। यह माना जा रहा था कि चंद्रशेखर को हटाया जा सकता है। मधेपुरा जिला के रहने वाले चंद्रशेखर पूर्व की महागठबंधन सरकार में आपदा प्रबंधन मंत्री थे।
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