इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) मंडी में सीनियर छात्रों द्वारा अपने जूनियर छात्रों की रैगिंग की घटना समाने आने के बाद आईआईटी प्रबंधन ने सख्त कदम उठाया है। रैगिंग करने के आरोप में 10 छात्रों को सस्पेंड कर दिया गया है और 62 छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। जानकारी के मुताबिक रैगिंग की यह घटना पिछले महीने हुई थी जिसकी शिकायत एंटी रैगिंग सेल में की गई थी। इसके बाद संस्थान ने सख्त कदम उठाते हुए कुल 72 छात्रों के खिलाफ एक्शन लिया।
आईआईटी मंडी ने घटना पर जारी किया बयान
आईआईटी मंडी ने एक बयान जारी कर बताया कि हाल में रैगिंग की एक घटना संस्थान के संज्ञान में आई। यह पाया गया कि बी.टेक के कुछ छात्र नए छात्रों की रैगिंग में शामिल थे। घटना में शामिल 72 छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है।’’ बयान में कहा गया कि आईआईटी मंडी यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि परिसर में सभी छात्र सुरक्षित महसूस करें और उन्हें किसी भी प्रकार के उत्पीड़न का सामना न करना पड़े। बयान में यह भी कहा गया है कि संस्थान छात्रों को ऐसी घटनाओं की तुरंत रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित करता है ताकि सुधारात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके और परिसर में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
15,000 से 25,000 रुपये तक का जुर्माना
संस्थान के स्टूडेंट विंग के तीन पदाधिकारी उन 10 छात्रों में शामिल हैं, जिन्हें दिसंबर 2023 तक शैक्षणिक गतिविधियों और छात्रावास से निलंबित कर दिया गया है। घटना में संलिप्तता को लेकर आरोपी छात्रों पर 15,000 रुपये से 25,000 रुपये तक का जुर्माना और 20 से 60 घंटे की सामुदायिक सेवा का दंड दिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, प्रथम वर्ष के छात्रों ने अधिकारियों को भेजी गुप्त शिकायतों में आरोप लगाया था कि एक कार्यक्रम के दौरान, कुछ वरिष्ठ छात्र उन पर चिल्लाये और उन्हें कोने में खड़ा कर दिया। बताया जाता है कि यह घटना अगस्त महीने की 11 तारीख की है।