हरियाणा सरकार ने चुनावी साल में अग्निवीरों के लिए बड़ी घोषणा की है. पुलिस, वन रक्षक और जेल वार्डन जैसी सेवाओं में अग्निवीर के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा. साथ ही अलावा आयु में छूट समेत अन्य प्रोत्साहन की भी बुधवार को ऐलान किया है. गौरतलब है कि इस साल जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, उनमें हरियाणा भी शामिल है. सीएम नयाब सिंह सैनी ने यह भी घोषणा की कि अग्निवीर को प्राथमिकता के आधार पर हथियार लाइसेंस दिए जाएंगे.
नौकरी में मिलेगा 10 फीसदी आरक्षण
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राज्य सरकार द्वारा कांस्टेबल, खनन रक्षक, वन रक्षक, जेल वार्डन और विशेष पुलिस अधिकारी के पदों पर की जाने वाली सीधी भर्ती में अग्निवीर के लिए 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण होगा. नायाब सिंह सैनी ने कहा, ‘हमने यह प्रावधान किया है.’ मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रुप सी और डी के पदों पर भी आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट दी जाएगी. नायाब सिंह सैनी ने कहा, ‘हालांकि अग्निवीर के पहले बैच के लिए यह छूट पांच वर्ष होगी.’
मिलेगा ब्याज मुक्त लोन
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने यह भी कहा कि यदि कोई अग्निवीर अपना व्यवसाय शुरू करना चाहता है तो सरकार उसे पांच लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रुप सी और डी के पदों पर भी आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट दी जाएगी. सैनी ने कहा, ‘‘हालांकि अग्निवीर के पहले बैच के लिए यह छूट पांच वर्ष होगी. अगर कोई औद्योगिक इकाई अग्निवीर को 30,000 रुपये प्रति माह से अधिक वेतन पर नियुक्त करती है, तो हमारी सरकार उस इकाई को 60,000 रुपये की वार्षिक सब्सिडी देगी.’
लोकसभा चुनाव में उठाया गया था अग्निवीर का मुद्दा
हरियाणा में लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अग्निवीर का मुद्दा उठाया था. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हरियाणा के महेंद्रगढ़ में कहा था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आयी तो अग्निवीर योजना को रद्द कर कूड़ेदान में फेंक दिया जाएगा. जून 2022 में केंद्र द्वारा इस योजना की घोषणा किए जाने के तुरंत बाद, हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि राज्य सरकार सशस्त्र बलों में चार साल के कार्यकाल के बाद अग्निवीर को रोजगार मुहैया कराने की गारंटी देती है.