बिहार के पश्चिम चंपारण में बड़ा बाबू का बड़ा खेल धराया है। नरकटियागंज में अधिसूचित ग्रामीण कार्य विभाग के नरकटियागंज मंडल का कार्यालय बेतिया में चल रहा था। सरस्वतीनगर में हुई छापेमारी के बाद इसका खुलासा हुआ। बताया जा रहा है कि नरकटियागंज का कार्यालय बेतिया में बड़ा बाबू किराये के मकान में चला रहे थे। जहां बकायदा कुर्सी, मेज, कम्प्यूटर इत्यादि रखे हुए मिले। नरकटियागंज में पोस्टिंग थी और ऑफिस बेतिया से चल रहा था।
छापेमारी के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों को दस्तावेज भी मिले साथ ही एक लिपिक और दो ऑपरेटर भी काम करते पाये गये। हालांकि प्रधान लिपिक मौके से गायब रहा। प्रशासनिक अधिकारियों को देखकर वहां मौजूद तमाम संवेदक भाग खड़े हुए। दरअसल, पश्चिमी चंपारण जिले में ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता का एक कार्यालय नरकटियागंज में भी संचालित होता है। इसी बीच जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय को गुप्त सूचना मिली कि नरकटियागंज के ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता का एक अवैध कार्यालय बेतिया के सरस्वतीनगर में भी संचालित किया जा रहा है। जहां किसी किराये के मकान में प्रधान लिपिक रहते हैं, वहीं पर कार्यालय चलता है।
सूचना मिलने के बाद डीएम ने वहां छापेमारी करने का निर्देश दिया। छापेमारी में आरडब्ल्यूडी का अवैध कार्यालय संचालित होते हुए पाया गया। यहां चल रहे दफ्तर में दो कमरों में बकायदा कार्यालय की तरह ही टेबल कुर्सी रखे हुए थे। जिसपर बैठकर एक लिपिक एवं दो कम्यूटर ऑपरेटर काम कर रहे थे। नियमों के अनुसार अपने कार्यालय से अन्यत्र समानांतर अवैध कार्यालय संचालित करना और बाहरी व्यक्तियों से अवैध ढंग से कार्य कराना अनियमितता है। इस मामले में जांच प्रतिवेदन के आधार पर सख्त कार्रवाई की जायेगी।
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