मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में बड़ा फैसला, मुख्य आरोपी बृजेश ठाकुर समेत तीन आरोपित को कोर्ट ने बरी किया
बिहार के चर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह केस में गुरुवार को कोर्ट का बड़ा फैसला आया। अदालत ने इस केस के तीन मुख्य आरोपितों को बरी कर दिया। कांड के मुख्य आरोपी बृजेश ठाकुर, शाइस्ता परवीन उर्फ मधु समेत तीन आरोपितों को बरी करने का आदेश कोर्ट ने सुनाया है।
दरअसल, मुजफ्फरपुर स्वधार गृह मामले में गुरुवार को तिहाड़ जेल से ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता परवीन उर्फ मधु और कृष्णा की पेशी विशेष एससीएसटी कोर्ट में भारी पुलिस सुरक्षा के बीच करायी गयी। पहले से इस कांड में फैसले के लिए गुरुवार की तिथि निर्धारित थी। इसके बाद प्रभारी न्यायाधीश अजय कुमार मल्ल ने निर्णय पर सुनवाई करते हुए साक्षय के आभाव में सभी आरोपियों को बाइज्जती बरी कर दिया। एससी/एसटी कोर्ट में फैसले के बाद ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता परवीन उर्फ मधु और कृष्णा को वापस दिल्ली के तिहाड़ जेल भेज दिया गया।
मुजफ्फरपुर स्वाधार गृह से 11 महिलाएं और उनके चार बच्चों को गायब करने में आरोपित बालिका गृह कांड में तिहाड़ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे ब्रजेश ठाकुर, शाइस्ता परवीन उर्फ मधु,कृष्णा अन्य के विरुद्ध चल रहे मामले में विशेष अनुसूचित जाति जन जाति कोर्ट के न्यायाधीश अजय कुमार मल्ल ने इस कांड में फैसले में रामानुज ठाकुर जिनकी पूर्व में ही मृत्यु हो चुकी है उनके साथ ही बृजेश ठाकुर शाइस्ता परवीन उर्फ मधु और कृष्णा को साक्ष्य के अभाव में बाइज्जती बरी कर दिया।
शाइस्ता परवीन उर्फ मधु के अधिवक्ता अन्नू बाबू ने बताया कि मामले में सुनवाई करते हुए विशेष अनुसूचित जाति जन जाति कोर्ट के न्यायाधीश अजय कुमार मल्ल ने सभी को बरी कर दिया है। वहीं विशेष अनुसूचित जाति जनजाति कोर्ट के लोक अभियोजक जय मंगल प्रसाद ने बताया है कि पुलिस के द्वारा सही से जांच नहीं किए जाने के कारण कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में आरोपितों को बरी कर दिया है।
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