पटना की निगरानी अदालत ने आज एक भ्रष्ट सरकारी सेवक को सजा का ऐलान किया है. नालंदा के तत्कालीन हल्का कर्मचारी को भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत कोर्ट ने दो अलग-अलग धाराओं में दोषी करार देते हुए छह महीने और एक साल की सश्रम कारावास और 5000-5000 रू का जुर्माना लगाया है.
नालंदा अंचल के तत्कालीन हल्का कर्मचारी मुसाफिर सिंह को निगरानी थाना कांड सं-31-07 में यह सजा सुनाई गई है. निगरानी ब्यूरो ने हल्का कर्मचारी मुसाफिर सिंह को पांच हजार रिश्वत लेले रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. शिकायकर्ता चंद्रशेखर सिन्हा ने आरोप लगाया था कि हल्का कर्मचारी दाखिल खारिज तथा बंटावार भूमि अलग करने के लिए रिश्वत मांग रहा है. इसके बाद निगरानी के धावा दल ने भ्रष्ट सरकारी सेवक को रंगे हाथ गिरफ्तार किया था.
बता दें, 2025 में निगरानी थाना में दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में सजा दिलाने में तेजी आई है. इस वर्ष पांच भ्रष्ट सरकारी सेवकों को सजा दिलाई जा चुकी है. इनमें निगरानी थाना कांड सं30-2011 रामकृष्ण मिश्र तत्कालीन अमीन चकबंदी कार्यालय डेहरी, केस सं-44-2018 राजाराम सिंह अमीन राजगीर अंचल, केस सं-78-2006 राजनंदन कुमार श्यामला प्रशाखा पदाधिकारी पटना सचिवालय, केस सं- 51-2015 संजय कुमार प्रशाखा पदाधिकारी विशेष शखा बिहार .