बिहार में कामकाजी महिलाओं के लिए बड़े फैसले, 9 प्रमंडलों में बनेंगे आधुनिक छात्रावास

Nitish KumarNitish Kumar

पटना: बिहार सरकार के पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने राज्य की कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित और सुविधाजनक आवास उपलब्ध कराने के लिए महत्वपूर्ण पहल की है। विभाग ने भवन निर्माण विभाग को 200 सीटों वाले कामकाजी महिला छात्रावासों के निर्माण हेतु प्राक्कलन भेजने का अनुरोध किया है।

पहले चरण में प्रमंडल स्तर पर 9 छात्रावासों का निर्माण किया जाएगा। यह योजना सरकारी और निजी क्षेत्रों में कार्यरत पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है, जिससे वे अपने कार्यस्थल के नजदीक सुरक्षित और सुसज्जित आवास में रह सकें।

छात्रावासों के निर्माण से लाभ

  • सुरक्षित और सुविधाजनक आवास: कामकाजी महिलाओं को एक संरक्षित माहौल मिलेगा, जिससे उन्हें कार्यस्थल के पास रहने में सहूलियत होगी।
  • महिला सशक्तिकरण: सुरक्षित आवास से महिलाएं निडर होकर अपने करियर पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगी।
  • सामाजिक एवं आर्थिक विकास: इस पहल से महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी, जिससे राज्य के विकास को गति मिलेगी।
  • लैंगिक समानता को बढ़ावा: यह योजना महिलाओं को समान अवसर प्रदान करने में मदद करेगी।
  • आत्मनिर्भरता: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम साबित होगा।

कामकाजी महिला छात्रावासों का निर्माण बिहार में महिला सशक्तिकरण को नई दिशा देगा। यह योजना न केवल उन्हें सुरक्षित आवास प्रदान करेगी, बल्कि उनके सपनों को साकार करने के लिए अनुकूल वातावरण भी उपलब्ध कराएगी। बिहार सरकार की यह पहल राज्य में महिलाओं के कल्याण के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

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