मालदीव में पर्यटकों की संख्या में बड़ी गिरावट, टॉप 10 लिस्ट में 5वें स्थान पर पहुंचा भारत

India Maldives Dispute

भारत और मालदीव के बीच रिश्ते मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के ‘इंडिया आउट’ के नारे और चीन के साथ गलबहियों ने भारत के साथ संबंधों में तनाव को बढ़ा दिया है. इस बीच भारतीयों के मालदीव बायकॉट कैंपेन का असर मालदीव पर पड़ने लगा है. मालदीव के पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार मालदीव जाने के मामले में भारतीय अब तीसरे से पांचवें नंबर पर आ गए हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक मालदीव पर्यटन मंत्रालय के तीन हफ्तों के आंकड़ों में भारतीय यात्रियों का संख्या तीसरे नंबर से पांचवें नंबर पर आ गई है. माना जा रहा है कि मालदीव जाने वाले भारतीय यात्रियों की संख्या में आई कमी की मुख्य वजह दोनों देशों के बीच बीते कुछ समय में बना राजनयिक तनाव है.

भारतीय पर्यटकों का हो रहा मोहभंग
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि भारतीय पर्यटक लंबे समय से मालदीव के पर्यटन क्षेत्र का प्रमुख हिस्सा रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में मालदीव के पर्यटन बाजार का करीब 11 फीसदी हिस्सा भारतीय पर्यटकों का रहा था.

बीती 2 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे और वहां के समुद्र तटों को लेकर की गई पोस्ट से छिड़े विवाद के बाद से भारतीय पर्यटकों के मालदीव जाने में गिरावट दर्ज की गई है.

पहले टॉप 10 की लिस्ट में भी नहीं था चीन
मालदीव पर्यटन वेबसाइट के अनुसार, भारत ने 2024 की शुरुआत 7.1 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ उसके पर्यटन में तीसरे सबसे बड़े योगदानकर्ता के रूप में की थी, जबकि चीन टॉप 10 बाजारों की सूची में भी नहीं था.

हालांकि, राजनयिक तनाव के ये आंकड़ा बहुत तेजी में बदला. 28 जनवरी तक मालदीव पर्यटन में भारत की बाजार हिस्सेदारी 8 प्रतिशत पर ही रही, लेकिन चीन और ब्रिटेन उससे आगे निकलकर तीसरे और चौथे स्थान पर पहुंच गए.

क्या था विवाद?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे को लेकर की गई सोशल मीडिया पोस्ट को मालदीव के विकल्प के तौर पर देखा गया. मालदीव की मोहम्मद मुइज्जू सरकार के तीन जूनियर मंत्रियों ने इसे लेकर पीएम मोदी और भारत का मजाक उड़ाते हुए आपत्तिजनक बयान दिए.

इन बयानों ने भारत में मालदीव के खिलाफ माहौल बनाया और सोशल मीडिया पर उसका बायकॉट किए जाने की बात होने लगी. कई लोगों ने और ईजमाईट्रिप नाम की एक पर्यटन वेबसाइट ने मालदीव जाने की फ्लाइट्स की बुकिंग रद्द कर दीं. हालांकि, बाद में मालदीव के मंत्रियों ने अपनी पोस्ट डिलीट कर दीं और उन्हें निलंबित भी कर दिया गया.

इसके बावजूद ये मामला अभी तक थमा नहीं है. मालदीव के पर्यटन उद्योग से जुड़े कई संगठन लगातार भारत से अपील कर रहे हैं कि दोनों देशों के बीच उपजे तनाव को खत्म करते हुए हालात सामान्य किए जाएं.

Rajkumar Raju: 5 years of news editing experience in VOB.