पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा पर BSF ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बंगाल चुनाव आयोग ने सटीक जानकारी नहीं दी थी। बीएसएफ ने कहा कि सेंसिटिव बूथ की तादाद की लिस्ट नहीं बताई गई, ना ही पोजीशन की जानकारी दी गई। चुनाव के लिए बीएसएफ के 59 हजार जवानों की तैनाती की गई थी। कुल मिलाकर 61,920 जवान पूरे दिन में तैनात रहे। समय रहते पता होता तो हिंसा को रोक सकते थे। हम अपनी रिपोर्ट MHA को जल्द सौपेंगे।
मीडिया के जरिए सेंसटिव बूथ की जानकारी मिली
बीएसएफ ने कहा कि वेस्ट बंगाल चुनाव आयोग ने सेंसिटिव बूथ की लिस्ट नहीं दी। बीएसएफ ने बार-बार पूछा तो बंगाल चुनाव आयोग ने कहा की एसपी और डीसी बता देंगे लेकिन एसपी और डीसी ने कहा यहां तैनात हो जाओ तो हम तैनात हो गए। मीडिया के जरिए पता चला कि 4,834 सेंसिटिव बूथ हैं लेकिन कोई औपचारिक जानकारी नहीं आई। 59,000 ट्रूप थे और 61,636 पोलिंग बूथ हैं तो इतने ट्रूप हैं तो इतने कम सेंसिटिव बूथ क्यों बनाए गए।
बीएसएफ ने कहा कि 4834 सेंसिटिव एरिया में केवल 13,363 जवानों से काम हो जाएगा। कुल मिलाकर 16000 ट्रूप में सब हो जाता। कम से कम 25 से 30,000 सेंसिटिव बूथ था लेकिन इसकी जानकारी नहीं दी गई थी।