मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के अस्थावां प्रखंड अध्यक्ष पर जदयू नेतृत्व की तरफ से कार्रवाई की गई है. शराब कांड में संलिप्तता सामने आने पर जदयू अस्थावां प्रखंड अध्यक्ष सीताराम प्रसाद को पार्टी से बाहर निकाल दिया गया है. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए सभी पदों से सीताराम प्रसाद को बर्खास्त कर पार्टी से निष्कासित कर दिया।
सीताराम प्रसाद JDU से निष्कासित : प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि समाज को किसी भी रूप में नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों को हमारी पार्टी कतई बर्दाश्त नहीं करेगी. अनुशासन और सामाजिक सरोकारों के प्रति सच्ची श्रद्धा हमारी पार्टी और हमारे नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहचान रही है. पार्टी की नीति-सिद्धांत के विरुद्ध असामाजिक कार्यों में संलिप्त रहने वालों का जदयू में कोई स्थान नहीं है।
”स्थानीय प्रशासन से हमारी मांग है कि उक्त व्यक्ति के खिलाफ समुचित जांच कर कठोरतम करवाई सुनिश्चित की जाए. चाहे कोई भी पार्टी का व्यक्ति क्यों ना हो. अगर गलत काम करेगा तो प्रशासन कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है.”- उमेश सिंह कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष, जदयू
‘किरकिरी होने से बचने के लिए कार्रवाई’ : बिहार में 2016 से पूर्ण शराबबंदी है, लेकिन पूर्ण शराबबंदी के बावजूद बिहार में अवैध तरीके से शराब की बिक्री हो रही है. छापेमारी में अवैध शराब की बरामदगी भी बड़े पैमाने पर होती रही है. अब मुख्यमंत्री के गृह जिले से ही जदयू के नेता जिस प्रकार से शराब मामले में पकड़े गए हैं. ऐसे में नीतीश कुमार और पार्टी की किरकिरी होने से बचने के लिए यह कार्रवाई की गयी है।
‘कानून से कोई बच नहीं सकता’ : इससे पहले नालंदा पहुंचे जल संसाधन सह जिला प्रभारी मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भी कहा था कि हमारी सरकार की यही विश्वसनीयता रही है. अगर कोई गलत काम करता है, चाहे वह कोई भी हो, हमारे परिवार का ही क्यों न हो, वह कानून से बच नहीं सकता है।
क्या है पूरा मामला : बता दें कि अस्थावां जद(यू) प्रखंड अध्यक्ष सहित 14 लोगों को विदेशी शराब और 2.88 लाख रुपए के साथ गिरफ्तार किया था. इस कार्रवाई के बाद नालंदा में हड़कंप मच गया था. ऐसे में पहले सीताराम प्रसाद की गिरफ्तारी और अब पार्टी से निष्कासन के बाद यह साफ है कि सीताराम की मुश्किलें बढ़ने वाली है।