मांझी के बेटे के इस्तीफे के बाद CM हाउस में बड़ी बैठक, नीतीश-तेजस्वी और ललन सिंह मौजूद
बिहार में महागठबंधन को बड़ा झटका लगा है. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बेटे डॉ संतोष सुमन ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. संतोष सुमन के मंत्री पद से इस्तीफे के बाद महागठबंधन में महासंग्राम छिड़ गया है. पटना में सीएम हाउस में आला नेताओं की बैठक चल चल रही है. संतोष मांझी के इस्तीफे के बाद सियासी हालात पर चर्चा जारी है. इस बैठक में सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम ललन सिंह, जदयू अध्यक्ष ललन सिंह और वित्त मंत्री विजय चौधरी मौजूद हैं।
बताया जा रहा है कि संतोष सुमन के इस्तीफा सौंपने के बाद मंत्री विजय चौधरी उनका इस्तीफा लेकर सीएम आवास पहुंचे हैं. उनके साथ जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह भी मौजूद हैं. सीएम नीतीश कुमार के साथ इस बैठक में तेजस्वी यादव भी मौजूद हैं. संतोष मांझी के इस्तीफे के बाद सियासी हालात पर चर्चा जारी है. बताया जा रहा है कि इस्तीफे से पहले अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्री की वित्त मंत्री से लंबी बातचीत हुई. संतोष सुमन उर्फ संतोष मांझी का इस्तीफा स्वीकार हुआ है या नहीं, इस बारे में मुख्यमंत्री की ओर से अभी कोई बयान या जानकारी नहीं आई है. इस्तीफा स्वीकार होने की स्थिति में उसे राज्यपाल को भेज दिया जाएगा।
इधर मंत्रीमंडल से इस्तीफ देने के बाद संतोष सुमन ने कहा कि हम को विपक्षी एकता के लिए बुलावा नहीं मिला, क्योंकि जदयू हमारी पूरी पार्टी का विलय चाहती थी. पार्टी के रूप में हमारी पहचान पर सवाल था, इसलिए ‘हम’ रूपी घर तोड़ने के जगह सरकार से निकलना ही अंतिम विकल्प था. उन्होंने कहा कि पार्टी के लिए हमलोग खूब मेहनत कर रहे हैं, ऐसे में इस तरह का विकल्प चुनना संभव नहीं था. वहीं एनडीए में जाने के सवाल पर संतोष मांझी ने कहा कि इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है, हम अकेले भी चुनाव लड़ सकते हैं. आगे क्या होगा इस पर सभी से चर्चा करके फैसला लिया जाएगा।
बता दें कि संतोष मांझी नीतीश कैबिनेट में एससी-एसटी कल्याण विभाग के मंत्री थे. उन्होंने अपना इस्तीफा संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी को सौंप दिया है. आज सुबह ही जीतन राम मांझी अपने बेटे संतोष सुमन के साथ नीतीश कुमार के बेहद करीबी मंत्री विजय चौधरी से मिलने के लिए उनके आवास पर गए थे. जहां से वापस लौटने के बाद मांझी ने कहा था वह अपनी परेशानी बताने गए थे. इससे पहले बीते सोमवार को मांझी ने यह कहा था कि वह लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की तरफ से अपने कोई प्रत्याशी नहीं उतारेंगे. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के लिए वह सब कुर्बान करने के लिए तैयार हैं।
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