बड़ी खबर: भागलपुर सृजन घोटाला मामले में मुख्य आरोपी रजनी प्रिया गाजियाबाद से गिरफ्तार

PhotoCollage 20230810 201934454

बिहार के चर्चित घोटालों में से एक सृजन घोटाला मामले में फरार चल रही मुख्य आरोपी रजनी  प्रिया को गिरफ्तार करने में मामले की जांच कर रही सीबीआई ने सफलता हासिल की है. हालांकि, अभी तक रजनी प्रिया की गिरफ्तारी की बात सीबीआई द्वारा सार्वजनिक नहीं की गई है लेकिन विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, रजनी प्रिया को दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले से गिरफ्तार किया गया है.

बता दें कि CBI की विशेष कोर्ट द्वारा रजनी प्रिया के साथ-साथ मामले में दो आरोपियों जिसमें पूर्व IAS केपी रमैया और अमित कुमार का नाम शामिल है, को भगोड़ा घोषित किया था.

सीबीआई द्वारा रजनी प्रिया के खिलाफ सीबीआई के दिल्ली स्थिति मुख्यालय में 12 जून 2018 को केस (आरसी संख्या 2172018ए0006) आईपीसी की धारा 420, 465, 468, 471,  477 ए के साथ साथ बिहार सहकारी समिति अधिनियम 1935 की धारा 45 के तहत एफआईआर पंजीकृत किया गया था.

मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट द्वारा बीते 28 फरवरी 2023 को भागलपुर के पूर्व डीएम केपी रमैया और घोटाले की किंगपिंग रही मनोरमा देवी के पुत्र अमित कुमार व उनकी बहू रजनी प्रिया की गिरफ्तारी के लिए स्थायी वारंट जारी करने का आदेश दिया था. साथ ही तीनों के मुकदमें से जुड़े फाइल्स को भी अलग करने का निर्देश दिया था.

कुल 27 आरोपी हैं

करोड़ों रुपये के सृजन घोटाले में कुल 27 आरोपी हैं. इनमें से 12 आरोपी अभी भी बेउर जेल में बंद हैं. इसके अलावा 7 आरोपियों को जमानत मिल गई है. वहीं, CBI की विशेष कोर्ट ने तीन आरोपियों जिनमें केपी रमैया, अमित कुमार और रजनी प्रिया का नाम शामिल हैं, इनके खिलाफ कुर्की वारंट जारी किया था। सीबीआई द्वारा इससे पहले फरार चल रहे अमित कुमार व उसकी पत्नी रजनी प्रिया की 13 चल व अचल संपत्तियों को जब्त करने की भी कार्रवाई की जा चुकी है.

जेडीयू से चुनाव भी लड़ चुके हैं भगोड़े IAS केपी रमैया

सीबीआई द्वारा सृजन घोटाला मामले में 18 मार्च 2020 को 28 लोगों के खिलाफ चार्जशीट स्पेशल कोर्ट में दाखिल की गई थी। कई बार समन किए जाने के बावजूद रमैया समेत 10 लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया गया था. रमैया लगातार सीबीआई की पकड़ से बाहर चल रहे हैं. आंध्रप्रदेश के नेलौर जिला निवासी केपी रमैया जेडीयू से 2014 में वीआरएस लेने के बाद चुनाव भी लड़ चुके हैं.

उन्हें जेडीयू द्वारा सासाराम लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा गया था. लेकिन उन्हें हार मिली थी. 1986 बैच के आईएएस अधिकारी रमैया 1989 में पहली ज्वाइनिंग भभुआ के SDO बनाए गए थे. वह बेगूसराय और राजधानी पटना के भी डीएम रह चुके हैं. वीआरएस लेने से पहले वो बिहार के एससी-एसटी विभाग के प्रधान सचिव थे. वो महादलित आयोग के सचिव रह चुके हैं.

Rajkumar Raju: 5 years of news editing experience in VOB.
Recent Posts