राज्यसभा ने सोमवार को आम आदमी के सांसद राघव चड्ढा (AAP MP Raghav Chadha) का निलंबन वापस ले लिया है। चड्ढा को 11 अगस्त को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था। 115 दिन तक निलंबित रहने के बाद उन्हें यह राहत मिली है। इसे लेकर चड्ढा ने सुप्रीम कोर्ट और राज्यसभा चेयरमैन जगदीप धनखड़ को धन्यवाद कहा है।
इसे लेकर चड्ढा ने एक वीडियो संदेश में कहा कि 11 अगस्त 2023 को मुझे राज्यसभा से सस्पेंड किया गया था। अपने निलंबन को समाप्त कराने के लिए और फिर से सदन के भीतर जाकर आपकी आवाज उठाने के लिए मुझे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा था। सुप्रीम कोर्ट ने मेरी याचिका पर संज्ञान लिया और हस्तक्षेप किया जिसके बाद मेरा निलंबन समाप्त हो गया। उन्होंने आगे कहा कि 115 दिन तक मैं आपकी आवाज संसद के भीतर नहीं उठा सका, आपके सवाल सरकार से नहीं पूछ सका।
बता दें कि राघव चड्ढा को दिल्ली सेवा बिल पर एक प्रस्ताव में पांच सांसदों के फर्जी दस्तखत करने के आरोप में राज्यसभा से निलंबित किया गया था। चड्ढा ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने उनसे कहा था कि वह राज्यसभा चेयरमैन से बिना शर्त माफी मांगने के लिए कहा था।
पंजाब से सांसद राघव चड्ढा को 11 अगस्त को संसद के मानसून सत्र के दौरान कथित तौर पर विशेषाधिकार का उल्लंघन करने के लिए निलंबित कर दिया गया था।
दरअसल, राघव चड्ढा ने मानसून सत्र के दौरान दिल्ली सेवा बिल पर एक प्रस्ताव पेश किया था। जिसमें इस बिल की जांच के लिए एक चयन समिति का गठन करने की मांग उठाई थी। इस प्रस्ताव को लेकर भाजपा के तीन और बीजू जनता दल व अन्नाद्रमुक के एक-एक सांसद ने आरोप लगाया था कि उनका नाम बिना सहमति के जोड़ दिया गया है।
इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी मामले की जांच करने की मांग की थी। पांचों सांसदों की शिकायत पर मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया गया था जिसके बाद चड्ढा की राज्यसभा सदस्यता निलंबित करने का फैसला लिया गया था।