पटना: राज्य सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने के उद्देश्य से चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में 15,995 करोड़ रुपये के अनुदान को मंजूरी दी है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। इस निर्णय से सवा करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली का लाभ मिलेगा।
राज्य सरकार की मुख्यमंत्री विद्युत उपभोक्ता सहायता योजना के तहत कुल 2.13 करोड़ उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। ग्रामीण क्षेत्रों के घरेलू और बीपीएल (कुटीर ज्योति) उपभोक्ताओं को अब 40 पैसे प्रति यूनिट सस्ती बिजली मिलेगी, जबकि स्मार्ट प्रीपेड मीटर वाले उपभोक्ताओं को 25 पैसे प्रति यूनिट की राहत दी जाएगी। ग्रामीण इलाकों में स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं को 65 पैसे प्रति यूनिट की छूट मिलेगी।
पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य सरकार ने 15,343 करोड़ रुपये का अनुदान दिया था, जबकि इस बार यह राशि बढ़ाकर 15,995 करोड़ रुपये कर दी गई है, जो पिछले वर्ष से 652 करोड़ रुपये अधिक है। यानी सरकार 4% अधिक खर्च कर रही है।
अनुदान का वितरण इस प्रकार होगा:
- घरेलू उपभोक्ता: ₹8,130 करोड़
- गैर-घरेलू उपभोक्ता: ₹1,349 करोड़
- कृषि एवं सिंचाई सेवा: ₹5,055 करोड़
- छोटे उद्योग: ₹223 करोड़
- बड़े उद्योग: ₹105 करोड़
राज्य सरकार का कहना है कि बिजली उत्पादन, संचरण और वितरण की लागत लगातार बढ़ रही है, लेकिन उपभोक्ताओं को किफायती दर पर बिजली उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है।
ऊर्जा, योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा:
“प्रयास है कि हर घर तक सस्ती और निरंतर बिजली पहुंचे, जिससे बिहार के विकास को गति मिले। राज्य सरकार लोगों को राहत देने के लिए प्रतिबद्ध है।”
गौरतलब है कि वर्ष 2017-18 से ही बिहार विद्युत विनियामक आयोग बिजली दरों का निर्धारण अनुदानरहित तरीके से कर रहा है। इसके बाद राज्य सरकार उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए अनुदान की घोषणा करती है।