लैंड फॉर जॉब मामले में लालू यादव के परिवार को बड़ी राहत मिली है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में आज हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राबडी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव और हृदयानंद चौधरी को अंतरिम जमानत दे दी है। इसके साथ ही आरोपियों की नियमित जमानत पर ED ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा। ED की मांग को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। वहीं अब इस मामले में अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी और आरोपियों की रेगुलर बेल पर भी इसी तारीख को सुनवाई होगी।
ED की चार्जशीट पर कोर्ट ने किया था तलब
बता दें कि लैंड फॉर जॉब मामले की चार्जशीट में ED ने लालू यादव के साथ राबड़ी पर भी इस घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया है। बताया गया है कि ज़मीन को बेचकर जो पैसा आया था वो बेटे तेजस्वी को दिया गया, जिसका इस्तेमाल दिल्ली के न्यू फ़्रेंड्स कॉलोनी में बंगला खरीदने के लिए किया गया। गौरतलब है कि दिल्ली की एक अदालत ने ‘नौकरी के बदले जमीन’ घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में 27 जनवरी को बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती और हेमा यादव सहित अन्य को तलब किया था।
क्या है लैंड फॉर जॉब्स घोटाला?
दरअसल, 2004-2009 के बीच लैंड फॉर जॉब्स स्कैम हुआ था। इस दौरान लालू यादव रेल मंत्री थे। लालू के मंत्री रहते हुए रेलवे में ग्रुप D में भर्तियां हुईं थी। कई लोगों को आवेदन देने के 3 दिन में ही नौकरी दी गई। आरोप लगे कि अभ्यर्थियों से नौकरी के बदले घूस में जमीन ली गई है। इस मामले में जांच हुई तो पता चला कि लालू परिवार पर भी जमीन के बदले नौकरी देने का आरोप लगा। ED ने चार्जशीट में बताया कि लालू परिवार को 7 जगहों पर जमीनें मिलीं हैं। जांच में सामने आया कि बिना विज्ञापन जारी किए आनन-फानन में नौकरियां दी गईं। मुंबई, जबलपुर, कोलकाता और जयपुर जोन में नियुक्तियां की गईं। 1 लाख स्क्वायर फीट से ज्यादा जमीन महज 26 लाख में खरीदी गई, जबकि उस समय जमीन की कीमत करीब 4.39 करोड़ थी। लालू परिवार पर 600 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है।