बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के करीबी अमित कात्याल को लैंड फॉर जॉब मामले में बड़ी राहत मिली है। दिल्ली हाई कोर्ट ने कारोबारी अमित कात्याल को रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जमानत दे दी। जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने कात्याल को लंबी सुनवाई के बाद जमानत का आदेश दिया।
दरअसल, अमित कात्याल को 11 नवंबर 2023 को मनी लॉन्ड्रिंग के तहत ईडी ने गिरफ्तार किया था। इनपर आरोप है कि इन्होंने आरजेडी सुप्रीमो और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव की ओर से रेलवे में नौकरी के बदले कई लोगों से जमीन हासिल की थी। ईडी ने दावा किया कि लालू के रेल मंत्री रहते हुए कई लोगों को रेलवे में नियमों की अनदेखी कर नौकरी दी गई थी। इसके बदले में लालू परिवार के सदस्यों और अन्य करीबियों के नाम पर जमीन लिखवाई गई थीं।
बताया जाता है कि एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी के नाम पर भी रेलवे में नौकरी पाने वाले उम्मीदवारों से जमीन हासिल की गई थी। इस कंपनी के निदेशक अमित कात्याल ही थे। दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान जांच एजेंसी पर भी सवाल उठाए। अदालत ने माना कि इस केस में किसी अन्य आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया।
वहीं, अमित कात्यालय जांच में शुरुआत से सहयोग कर रहे थे, इसके बावजूद उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट से रांची जाते समय गिरफ्तार कर लिया गया था। ईडी की ओर से कात्याल की गिरफ्तारी की आवश्यकता को स्पष्ट नहीं किया गया। साथ ही अन्य आरोपियों के मुकाबले इस केस में उनकी भूमिका कम है। अदालत ने कहा कि ऐसे में जबकि मामले से जुड़े सबूत दस्तावेज के रूप में हैं तो इससे छेड़छाड़ व प्रभावित करने की संभावना नहीं है, क्योंकि दस्तावेज एजेंसी द्वारा जब्त किए जा चुके हैं। अदालत ने कहा कि उक्त तथ्यों को देखते हुए आरोपित के भागने की संभावना नहीं है। पीठ ने कहा कि आरोपित 10 नवंबर 2023 से न्यायिक हिरासत में है और मामले में ट्रायल को पूरा होने में लंबा समय लग सकता है। ऐसे में आरोपित को जेल में रखने से कोई उद्देश्य हल नहीं होगा।
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