बिहार में अब यदि आप भी अपनी जमीन के सभी कागजात डिजिटल रूप से रखना चाहते हैं तो यह खबर आपके बेहद काम आने वाली है। इस खबर के जरिए हम आपको बताएंगे कि आपको इसके लिए क्या करना होगा और कैसे आपका यह काम काफी आसानी से हो जाएगा ताकि आपको अधिक इधर-उधर नहीं जाना होगा।
दरअसल, सरकार ने भूमि रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण और त्रुटिरहित करने के लिए विशेष शिविरों के आयोजन का फैसला लिया है। इसके तहत, मूल जमाबंदी पंजी के आधार पर सभी जमाबंदियों को डिजिटल रूप से संरक्षित किया जाएगा और ऑनलाइन जमाबंदियों में पाई जा रही त्रुटियों को समयबद्ध तरीके से सुधारा जाएगा।
विभागीय पत्रों के अनुसार, Digitally Signed Record of Rights (RoR) जारी करने की प्रक्रिया को गति देने के लिए विशेष शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे शिविरों के माध्यम से जमाबंदी में किसी भी प्रकार की गलती को जल्द से जल्द ठीक करें। सरकार ने इस कार्य के लिए 15 मार्च 2025 की अंतिम समय-सीमा निर्धारित की है।
इस दौरान राजस्व कर्मचारी और अंचल अधिकारी पूरी जिम्मेदारी के साथ त्रुटियों के सुधार का कार्य करेंगे। शिविरों का आयोजन जिला, अनुमंडल और अंचल स्तर पर किया जाएगा, ताकि इसका सुचारू संचालन और सतत् निगरानी सुनिश्चित की जा सके। सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसी भी स्तर पर कार्य में शिथिलता पाए जाने पर संबंधित अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे इस कार्य को मिशन मोड में पूरा करें और इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दें। राज्य सरकार का यह कदम भूमि अभिलेखों को पारदर्शी और सटीक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है, जिससे नागरिकों को भूमि संबंधित मामलों में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
इधर, राज्यभर में अब तक 4.39 करोड़ जमाबंदियों को ऑनलाइन किया जा चुका है, लेकिन कई रिकॉर्ड में त्रुटियां पाई गई हैं। जिसके कारण शिकायतें लगातार दर्ज की जा रही हैं। सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिए परिमार्जन प्लस पोर्टल के माध्यम से संशोधन प्रक्रिया को तेज किया है।
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