टीचरों को पटना हाईकोर्ट से बड़ा झटका, नहीं मिलेगा पुरानी पेंशन योजना का लाभ; जानिए क्या है पूरा मामला
राज्य के हज़ारों टीचरों को पटना हाईकोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने सीधे तौर पर राज्य के 34,500 शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने से साफ इनकार करते हुए उनकी अर्जी को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति पीबी बजन्थरी और न्यायमूर्ति अरुण कुमार झा की खंडपीठ ने नंद किशोर ओझा की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया।
दरअसल, 8 अक्टूबर को 1991 को बीपीएससी ने 25 हजार सहायक शिक्षकों की बहाली के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया था। पीटी और मुख्य परीक्षा के बाद बीपीएससी ने 19,272 सफल उम्मीदवारों को सहायक शिक्षक के पद पर बहाली के लिए उनके नामों की अनुशंसा की। इनमें से 1,7281 अप्रशिक्षित अभ्यर्थी थे। इसी को लेकर प्रशिक्षित अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि जब प्रशिक्षित उम्मीदवार उपलब्ध हैं तो फिर अप्रशिक्षित को क्यों लिया गया।
इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर शिक्षकों के बहाली के लिए विशेष नियुक्ति नियमावली बना कर बहाली प्रक्रिया शुरू की गई और क्लास एक से आठवीं तक के 34,500 शिक्षकों को बहाल किया गया। जिसके बाद अब इन टीचरों ने पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने के लिए कोर्ट में केस दायर किया गया।
उधर, 5 अप्रैल 2018 को तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति डॉ. अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने से साफ इनकार कर दिया था। इस आदेश की वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाईकोर्ट ने मामले पर फिर से सुनवाई की। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि 1 सितंबर 2005 के बाद नियुक्त किसी भी कर्मी को पुरानी पेशन योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.