राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की 87वीं त्रैमासिक बैठक का आयोजन बेला औद्योगिक क्षेत्र मुजफ्फरपुर में संपन्न हुआ। सीजीएम, एसबीआई ने स्वागत भाषण कर बैंकों की भूमिका और उपलब्धि पर प्रकाश डाला।
वहीं, इस बैठक की अध्यक्षता कर रहे वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने अपने संबोधन में इस मीटिंग के मायने को बताते हुए कहा कि यह पहली बार राजधानी पटना से बाहर औद्योगिक क्षेत्र में हो रहा है। इसकी खास वजह है कि बैंक और उद्योग में हो रहे कार्यों को नजदीक से देखें और समझें कि किस तरह से हमारी सरकार की औद्योगिक सोच है। इससे हमारी मंशा भी स्पष्ट है कि हमारी सरकार सूबे के आर्थिक विकास को लेकर कटिबद्ध है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उद्यम और उद्यमी को बढ़ावा देने की शुरू से प्रथा रही है इसलिए सभी आगंतुक बैंक बेला औद्योगिक प्रतिष्ठान को देखें, जिससे कि आपसी विश्वास और साख में बढ़ोतरी हो सके। उन्होंने कहा कि देखेंगे तो समझेंगे, समझेंगे तो विश्वास करेंगे। उन्होंने बैंकों के ऋण वितरण को सराहा। साख के सकारात्मक रुख साख के सकारात्मक उपयोग पर निर्भर करता है।
उन्होंने एमएसएमई, पीएमएफएमई और पीएमईजीपी की योजना के बारे में बताया तथा प्लग एंड प्ले स्कीम की तारीफ की। बैंकों से अपील की कि हमारे उद्यमियों द्वारा निर्मित क्वालिटी प्रोडक्ट को अपने संस्थानों में प्रयोग करें। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सरकार के प्राथमिक सेक्टर, जो आर्थिक विकास के रीढ़ है, वहां क्रेडिट दें। पशु, मत्स्य, कुक्कुट केसीसी आदि क्षेत्रों में साख वितरण होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बैंक सोशल ट्रांसफॉर्मेशन का जरिया भी है। केसीसी रिपेमेंट के लिए बैंकों को लाभार्थी के पास पहुंच बनाने की जरूरत है।