बिहार की राजधानी पटना के नजदीक एक नए अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बिहटा एयरपोर्ट का निर्माण तेजी से हो रहा है। इस एयरपोर्ट को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है, जिसमें सबसे प्रमुख है ILS (इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम) CAT-3C की स्थापना। यह तकनीक विशेष रूप से कम दृश्यता की स्थितियों में भी विमानों की सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करने में मददगार साबित होगी, जिससे यात्री सुविधा और उड़ान संचालन में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा। वर्तमान में पटना एयरपोर्ट पर ILS CAT-1 प्रणाली स्थापित है, जिसके तहत विमानों की लैंडिंग के लिए न्यूनतम 1000 मीटर दृश्यता की आवश्यकता होती है। लेकिन, सर्दियों के मौसम में घने कोहरे के कारण अक्सर फ्लाइट्स में देरी और डाइवर्जन जैसी समस्याएं आती हैं। ILS CAT-3C तकनीक की स्थापना के बाद, अब मात्र 100 मीटर की दृश्यता में भी विमानों की लैंडिंग संभव हो सकेगी। यह अत्याधुनिक तकनीक न केवल कोहरे के दिनों में यात्रियों को राहत प्रदान करेगी बल्कि उड़ानों में होने वाली देरी और रद्दीकरण की समस्याओं को भी कम करेगी।
ILS CAT-3C प्रणाली की स्थापना और रनवे के विस्तार के लिए अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता थी। हालांकि, भूमि अधिग्रहण के दौरान स्थानीय लोगों का विरोध भी सामना करना पड़ा, लेकिन सरकार ने इन चुनौतियों का समाधान करते हुए परियोजना को आगे बढ़ाया। इस प्रणाली के लिए रनवे को भी लंबा किया जा रहा है ताकि विमानों के उतरने और उड़ान भरने के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। ILS CAT-3C प्रणाली की स्थापना से उड़ानों का संचालन अधिक सुगम और सुरक्षित होगा। यह प्रणाली घने कोहरे के बावजूद विमानों की लैंडिंग में मदद करेगी, जिससे उड़ानों में देरी और रद्द होने की घटनाएं काफी कम हो जाएंगी। इसके अलावा, ऑपरेशनल दक्षता में भी सुधार होगा, जिससे यात्रियों का अनुभव अधिक बेहतर और सुविधाजनक होगा।
आईएलएस CAT-3C प्रणाली विमानन जगत में सबसे उन्नत श्रेणी की प्रणाली मानी जाती है। इसके तहत, विमान बहुत कम दृश्यता में भी सुरक्षित रूप से लैंड कर सकता है। इसके साथ ही, बिहटा एयरपोर्ट का रनवे भी विस्तारित किया जा रहा है ताकि यह सिस्टम प्रभावी रूप से काम कर सके। भविष्य की योजनाओं के तहत, इस एयरपोर्ट की वार्षिक यात्री क्षमता 25 लाख तक बढ़ाई जाएगी और टर्मिनल भवन को भी विस्तार योग्य बनाया जाएगा। हालांकि, ILS CAT-3C की स्थापना में काफी लागत आई है और भूमि अधिग्रहण के दौरान कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। लेकिन इसके दीर्घकालिक लाभ, जैसे यात्रियों को बेहतर अनुभव, उड़ानों का समय पर संचालन, और ऑपरेशनल दक्षता, इन चुनौतियों को पार करने में मदद करेंगे।
बिहटा एयरपोर्ट पर ILS CAT-3C प्रणाली की स्थापना बिहार के विमानन क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से न केवल उड़ानें अधिक सुरक्षित होंगी, बल्कि पटना और आसपास के क्षेत्रों में हवाई यात्रा की सुविधा भी काफी बढ़ जाएगी। यात्रियों को सर्दियों में होने वाली उड़ान रद्दीकरण और देरी की समस्या से राहत मिलेगी और भविष्य में यह एयरपोर्ट क्षेत्रीय विकास का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा।