स्वास्थ्य विभाग में 45 हजार स्वास्थ्यकर्मियों की बहाली इसी वित्तीय वर्ष में होगी। इसमें चिकित्सक, नर्स, फार्मासिस्ट और लैब तकनीशियन सहित दर्जनभर पद हैं। अक्टूबर से बहाली प्रक्रिया शुरू होगी। स्वास्थ्य विभाग ने पहले 65 फीसदी आरक्षण के आधार पर जिलों से विभिन्न पदों का रोस्टर क्लियर कर रिक्तियां मांगी थीं। मगर बढ़े आरक्षण पर पटना हाईकोर्ट की रोक के बाद फिर विभाग ने पुराने प्रावधानों के आधार पर ही रिक्तियां भरने का निर्णय लिया है। स्वास्थ्य विभाग को कुछ पदों के लिए जिलों से 50 फीसदी आरक्षण के आधार पर रोस्टर क्लियर कर रिक्ति आने भी लगी है। दरअसल, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने जून में विभागीय अधिकारियों के साथ विभाग में विभिन्न पदों पर रिक्तियों की समीक्षा की थी। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि मिशन मोड में चिकित्सक और नर्स सहित सभी रिक्त पदों पर नियुक्ति पूरा कराएं। पिछले दिनों 770 दंत चिकित्सकों के पद स्वीकृत किए गए हैं। दो दिन पूर्व मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सभी रिक्त पदों को भरने का निर्देश दिया है।
आरक्षण के पेच में बहाली में हो रही देरी
स्वास्थ्य विभाग ने अक्टूबर अंत तक सभी 45 हजार पदों पर बहाली पूरी करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन आरक्षण के पेच के कारण बहाली प्रक्रिया शुरू होने में देर हो रही है। चिकित्सक, दंत चिकित्सक, नर्स, एएनएम, जीएनएम, सीएचओ और पारा मेडिकल सहित स्वास्थ्य विभाग से जुड़े रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए विभाग ने कार्रवाई तेज कर दी है।