बिहार प्रशासनिक सेवा के बर्खास्त अधिकारी उमाशंकर राम को पटना हाईकोर्ट के आदेश पर फिर से सेवा में बहाल किया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने 17 अप्रैल 2025 को इस संबंध में संकल्प जारी किया, जिसमें उनकी बहाली 1 जून 2017 के प्रभाव से लागू की गई है।
आय से अधिक संपत्ति का मामला: विभागीय कार्यवाही और बर्खास्तगी
उमाशंकर राम, जो मोतिहारी में राष्ट्रीय नियोजन कार्यक्रम के तत्कालीन निदेशक थे, के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई ने 17 जुलाई 2023 को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में केस दर्ज किया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही 28 मार्च 2014 से शुरू की गई। रिपोर्ट के आधार पर उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।
हाईकोर्ट का हस्तक्षेप और पुनर्बहाली का आदेश
सरकार के निर्णय को चुनौती देते हुए उमाशंकर राम ने पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अदालत ने 7 जनवरी 2025 को सरकार के आदेश को रद्द कर दिया और विभागीय कार्यवाही फिर से चलाने का निर्देश दिया। इसके बाद 24 मार्च 2025 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति ने बैठक की, जिसमें 1 जून 2017 के प्रभाव से उनकी सेवा बहाल करने और नए सिरे से आरोप पत्र जारी कर विभागीय कार्यवाही करने का निर्णय लिया गया।
सरकारी संकल्प जारी
इस निर्णय के आलोक में, सरकार ने आज उमाशंकर राम को सेवा में बहाल करने के लिए संकल्प जारी कर दिया। यह कदम प्रशासनिक सेवा में पारदर्शिता और न्याय की प्रक्रिया को दर्शाता है।