बिहार सरकार ने नए क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए पांच प्रमुख क्षेत्रों में नई नीतियों की घोषणा की है। खासकर दवा उत्पादन बिहार में शून्य है। इसके लिए फार्मास्युटिकल नीति लाकर राज्य में दवा निर्माण को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा कृषि प्रधान राज्य बिहार में खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा दिया जाएगा। इसी कड़ी में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए निवेश प्रोत्साहन नीति 2025 लाई जा रही है। प्लास्टिक विनिर्माण क्षेत्र को भी बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया है।
दिसंबर माह में हुए बिहार निवेशक सम्मेलन में भी इन क्षेत्रों में नई नीतियों की मांग उठी थी। सरकार ने इस बजट में इसकी घोषणा कर इन क्षेत्रों में निवेश के मौके खोल दिए हैं। राज्य के उद्यमी भी अब दूसरे प्रदेशों की बजाए अपने राज्य में दवा कंपनी खोल सकेंगे। बिहार फार्मास्युटिकल प्रमोशन नीति 2025 लाकर दवा निर्माण में लगी इकाइयों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके बाद राज्य निर्मित दवाइयां भी बाजार में उपलब्ध होंगी। सरकार ने राज्य को प्रमुख दवा और चिकित्सा उपकरण विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। इसके तहत दवाओं पर शोध और नई इकाई लगाने को प्रोत्साहित किया जाएगा। बजट में इसकी घोषणा करते हुए वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि पर्यावरण अनुकूल फार्मास्युटिकल क्षेत्रों की कंपनियों को इस क्षेत्र में निवेश के लिए आमंत्रित किया जाएगा। इससे दवा निर्माण क्षेत्र में अनुसंधान एवं पारिस्थितिकी तंत्र का विकास होगा।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को मिलेगा बढ़ावा
बिहार में कृषि आधारित उद्योग की अपार संभावनाएं हैं। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। बजट में बिहार खाद्य प्रसंस्करण नीति 2025 लाने की घोषणा की है। इससे फसलों और फलों के प्रसंस्करण की नई इकाइयां खुलेंगी। इससे रोजगार पैदा होंगे। किसानों को उनकी फसलों के उचित दाम मिलेंगे। फल और सब्जियां बर्बाद होने से बच सकेंगी।
प्लास्टिक विनिर्माण को बढ़ावा
प्लास्टिक विनिर्माण क्षेत्र आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। इसको देखते हुए प्लास्टिक निर्माण में लगी इकाइयों को प्रोत्साहन करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए बिहार प्लास्टिक विनिर्माण प्रोत्साहन नीति लाने की घोषणा की गई है।
राज्य में नए बायोगैस संयंत्र लगाए जाएंगे
ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए बिहार बॉयोफ्यूल्स उत्पादन प्रोत्साहन (संशोधन) नीति 2025 लागू की जाएगी। नई नीति में पहले की कमियां दूर की जाएंगी। इससे निजी कंपनियां और तेज विपणन कंपनियां बायोगैस संयंत्र लगाने को आगे आएंगी। कृषि अपशिष्ट और राज्य के प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग इसमें किया जाएगा। इससे पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा। स्थानीय स्तर पर राज्य की ऊर्जा जरूरतों की पूर्ति संभव हो सकेगी।
● बिहार में भी हो सकेगा दवा निर्माण, रोजगार के अवसर पैदा होंगे
● निवेश को प्रोत्साहन के लिए नई नीति, आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी
● वैकल्पिक ईंधन को बढ़ावा देने के लिए बायोफ्यूल्स नीति 2025
औद्योगिक निवेश की नई नीति
बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2025 लाई जा रही है। यह पहले बनी निवेश प्रोत्साहन नीति 2016 का स्थान लेगी। नई नीति में कई प्रक्रिया को ज्यादा सरल बनाया गया है। इससे निवेशकों की जरूरतों की पूर्ति होगी। निवेशक आकर्षित होंगे। राज्य के औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। राज्य में आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी। रोजगार के अवसर पैदा होंगे।