पटना: वर्ष 2000 में बिहार विभाजन के बाद से 25 वर्षों के लंबे इंतज़ार के बाद नेशनल गेम्स में बिहार को पहला स्वर्ण पदक मिला है। बिहार ने लॉन बॉल की ट्रिपल महिला स्पर्धा में ख़ुशबू कुमारी , निक़हत ख़ातून व पायल प्रीति से सुसज्जित महिला टीम ने काँटे की टक्कर के फाइनल में पश्चिम बंगाल को 15-14 से पराजित किया। दिल की धड़कन रोक देने वाले मैच में एक समय बिहार 1-11 से पिछड़ रहा था पर बिहार की बेटियों ने अपने शानदार और जानदार खेल से ना केवल इस अंतर को कम कर स्कोर 11-11 करने में सफलता प्राप्त की , उसके बाद एक एक अंक की लड़ाई लड़ कर मैच को अपने पाले में किया।
इस ऐतिहासिक स्वर्णिम पल के गवाह स्वयं बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवींद्रन शंकरण, ऐड हॉक कमिटी बिहार ओलंपिक एसोसिएशन के सदस्य डॉ संजय सिन्हा , डॉ अरुण ओझा व डॉ पंकज ज्योति,पदाधिकारी संजय कुमार,परिमल, पर्यवेक्षक डॉ करुणेश , राणा प्रताप तथा कंटिजेंट असिस्टेंट मो. हारून व सुधांशु व बिहार टीम के देहरादून में उपस्थित सभी खिलाड़ी , प्रशिक्षक व मैनेजर्स मौजूद रहे ।
चंदन को रजत – लॉन बॉल की एकल पुरुष स्पर्धा में बिहार के चंदन कुमार ने फाइनल में बहुत शानदार प्रदर्शन किया । यद्यपि उन्हें झारखंड के सुनील से अत्यंत निकट के मैच में हार का सामना करना पड़ा , पर वे रजत पदक जीतने में कामयाब हुए ।
मॉर्डन पेंटाथलन – हल्द्वानी में आयोजित लेजर रन पुरुष स्पर्धा में बिहार के तीन सदस्यी टीम – प्रिंस1,प्रिंस 2व अंकित ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की ।
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