बिहार शिक्षा विभाग ने युवाओं को रोजगार के अवसर से जोड़ने को लेकर संकल्प जारी किया है. बिहार के मध्य और माध्यमिक विद्यालयों में 28 हजार से अधिक रात्रि प्रहरी की तैनाती होने जा रही है. विभाग के इस फैसले से स्कूलों में न सिर्फ चोरी की घटनाओं पर रोक लगेगी, बल्कि गांव के आसपास के युवाओं को रोजगार भी मिलेगा. आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से स्कूलों में रात्रि प्रहरी तैनात किए जाएंगे।
अभी बिहार के 5921 स्कूलों में रात्रि प्रहरी की व्यवस्था है, लेकिन 28201 विद्यालयों में रात्रि प्रहरी की कोई व्यवस्था नहीं है. शिक्षा विभाग की ओर से जो 28000 से अधिक रात्रि प्रहरी बहाल किए जाएंगे, उन्हें मानदेय के रूप में ₹5000 दिया जाएगा।
शिक्षा विभाग की ओर से जारी संकल्प में कहा गया है कि ‘स्कूलों में पर्याप्त बैंच, डेस्क, बल्ब, पंखे और मध्यान भोजन के लिए थाली की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा लैब और स्मार्ट टीवी बोर्ड के साथ-साथ कंप्यूटर की भी व्यवस्था की गई है. लेकिन इन विद्यालयों में संपत्तियों की सुरक्षा का कारगर व्यवस्था नहीं है, इसलिए नाइट गार्ड की तैनाती की जाएगी।
शिक्षा विभाग ने कहा है कि अभी जिन विद्यालयों में पहले से रात्रि प्रहरी की व्यवस्था चली आ रही है, उन्हें अंशकालिक तौर पर स्थानीय प्राध्यापक और स्कूल प्रबंधन समिति की ओर से शामिल किया गया है. उन्हें ₹5000 की दर से मानदेय दिया जाता है. इसके अलावा एजेंसी के तहत जहां तैनाती है वहां मानदेय ₹10000 दिया जाता है और यदि कोई कंप्यूटर अथवा कोई सामान चोरी होता है तो एजेंसी अपने खर्चे पर स्थापित करेगी. शिक्षा विभाग की यह पहल बेरोजगार युवाओं को रोजगार से जोड़ने को लेकर है।