अब मध्याह्न भोजन की जांच रोजाना होगी। राज्य सरकार अब हर दिन इसकी रिपोर्ट भी लेगी। यही नहीं उसी दिन शाम 7 बजे शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के.के. पाठक इसकी जानकारी खुद लेंगे। वे देखेंगे कि कहां-कहां स्कूलों में मद्याह्न भोजन बना, बच्चे क्या-क्या खाए, उसकी गुणवत्ता कैसी थी, कहां भोजन नहीं बना और क्यों नहीं बना। पहली जुलाई से नयी व्यवस्था लागू कर दी गयी है।
पहली जुलाई से प्रत्येक कार्य दिवस पर स्कूलों में बच्चों के मध्याह्न भोजन की जांच की जाएगी। सुबह 9 से अपराह्न 3 बजे के बीच संबंधित अधिकारी स्कूल पहुंचकर निरीक्षण करेंगे। वे देखेंगे कि स्कूल में मध्याह्न भोजन बना या नहीं। किस समय बच्चों को मध्याह्न भोजन दिया गया। भोजन की गुणवत्ता कैसी थी और वहां साफ-सफाई की कैसी व्यवस्था थी। इन सबकी जांच की जाएगी।
एमडीएम निदेशक मिथिलेश मिश्र ने सोमवार को डीपीओ (एमडीएम), प्रखंड साधन सेवी और जिला साधन सेवी के साथ वीडियो कॉनफ्रेंसिंग कर निरीक्षण संबंधी जानकारी दी। इस दौरान उनसे कहा गया कि एमडीएम के दायित्व की अब तक मासिक रूप से रिपोर्टिंग होती थी, लेकिन अब प्रतिदिन मॉनिटरिंग होगी और उसी दिन उसकीर रिपोर्टिंग भी होगी।
अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया कि किस स्कूल में एमडीएम नहीं बना, इसके कारण की जानकारी सभी प्रखंड साधन सेवी प्रतिदिन 4 बजे तक अपने जिले के जिला साधन सेवी को देंगे। वे 5 बजे तक डीपीओ (एमडीएम) को रिपोर्ट देंगे। जिलों से 6 बजे तक पूरी रिपोर्ट एमडीएम निदेशक के पास आएगी। रोजाना 7 बजे शाम में निदेशक एमडीएम सभी जिले से प्राप्त रिपोर्ट को अपर मुख्य सचिव को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूरी जानकारी देंगे।