सूरज के घोड़े जब निकलते हैं तो उनके पास उदासी और निराशा की कहानी नहीं होती, बल्कि आशा और उल्लास की होती है. उन्हें कोई भी बाधा अपनी मंजिल तक पहुंचने से रोक नहीं सकती. सफलता कड़ी मेहनत और सच्ची लगन से ही मिलती है. ये बात सच है और बिहार के समस्तीपुर जिले के एक किसान की बेटी प्रगति कश्यप की कहानी में ये बखूबी झलकती है. अपनी मेहनत और लगन से प्रगति ने सफलता हासिल की है और समाज के कई युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गई हैं।
प्रगति कल्याणपुर प्रखंड के ध्रुबगामा गांव के रौविक कुमार और रंजीता देवी की बेटी हैं. वो हाल ही में बिहार में ट्रेनिंग लेने के बाद सब इंस्पेक्टर के पद पर चयनित हुई हैं. बिहार अवर लोक सेवा आयोग की सब इंस्पेक्टर की परीक्षा पास कर पहले प्रयास में ही प्रगति ने न सिर्फ अपने माता-पिता को गौरवान्वित किया है बल्कि समस्तीपुर जिले का भी नाम रोशन किया है. प्रगति ने अपनी सफलता का पूरा श्रेय उनके दादा-दादी को दिया. उनकी प्रारंभिक पढाई स्थानीय विद्यालय में हुई और वे बचपन से ही एक मेहनती और प्रतिभाशाली छात्रा थीं।
बचपन के सपने को पूरा करने के लिए किया ये काम
प्रगति ने अपने सपने को पूरा करने के लिए बचपन से ही कड़ी मेहनत की. उनकी सफलता के पीछे उसकी कड़ी मेहनत और पढ़ाई के प्रति सच्ची लगन है. उसने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय स्कूल से पूरी की और बिहार दरोगा परीक्षा की तैयारी के लिए पटना आ गई. वह रोजाना 10-11 घंटे पढ़ाई करती थी और ज्ञान बिंदु से ऑनलाइन क्लास भी लेती थी और सेल्फ स्टडी करती थी।
सभी ने दी बधाई
प्रगति के इस प्रयास पर उनके रिश्तेदारों और दोस्तों ने उन्हें बधाई दी है. उनके तीन भाई-बहन भी हैं, जिनमें से एक इंजीनियर है और उसका भाई अभी छात्र है. प्रगति ने भी यूपीएससी परीक्षा पास कर भविष्य में आईपीएस अधिकारी बनने की इच्छा जताई है।