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बिहार: बेगूसराय में BDO, CO और दारोगा समेत 27 लोगों पर दर्ज हुई FIR, दलित परिवारों के घर उजाड़ने का आरोप

ByLuv Kush

अप्रैल 28, 2025
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बेगूसराय – बिहार के बेगूसराय जिले में दलित समाज के लोगों के घर उजाड़ने और लूटपाट करने के मामले में बड़ा एक्शन लिया गया है। साहेबपुरकमाल थाने में बीडीओ, सीओ, दारोगा समेत 27 लोगों के खिलाफ अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इस घटना से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है और राजनीतिक गलियारों में भी इस मामले की गूंज सुनाई दे रही है।

दलित परिवारों ने लगाए गंभीर आरोप

प्राथमिकी साहेबपुरकमाल थाना क्षेत्र के पंचवीर गांव निवासी रामेश्वर सदा के पुत्र हरिलाल सदा द्वारा दर्ज कराई गई है। अपनी शिकायत में हरिलाल सदा ने आरोप लगाया है कि पंचवीर वार्ड-6 में करीब 50 वर्षों से 100 से अधिक मुसहर परिवार बसे हुए थे। 5 जून 2023 को बीडीओ, सीओ, थाना प्रभारी, सीआई समेत कई स्थानीय लोगों ने लाठी, डंडे, खंती, ट्रैक्टर और जेसीबी लेकर टोले में धावा बोला और घरों को उजाड़ना शुरू कर दिया।

आरोपियों में सरकारी अधिकारी भी शामिल

एफआईआर में जिन अधिकारियों और व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है, उनमें शामिल हैं:

  • बीडीओ राजेश कुमार रंजन
  • सीओ सतीश कुमार
  • दारोगा राकेश कुमार गुप्ता
  • सीआई अखिलेश राम
  • पंचवीर गांव के स्थानीय निवासी मो. शहंशाह, मो. नासीर उद्दीन, मो. चांद उर्फ भायरस, मो. गुलाब हसन, मो. इकरामूल हक उर्फ सोना समेत अन्य कई लोग।

पीड़ित का बयान

हरिलाल सदा के अनुसार, आरोपितों ने जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर गालियां दीं और धमकाते हुए कहा कि पहले ही जमीन खाली करने के लिए कहा गया था, अब सबक सिखाया जाएगा। इसके बाद आरोपियों ने मुसहर परिवारों के घरों से सामान लूटकर ट्रैक्टर पर लाद लिया और घरों को ध्वस्त कर दिया। विरोध करने पर जान से मारने की धमकी भी दी गई।

कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुई FIR

यह प्राथमिकी अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत कोर्ट के आदेश पर दर्ज कराई गई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार, सभी पहलुओं की गंभीरता से जांच की जा रही है और आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

इलाके में तनाव का माहौल

इस घटना के बाद पंचवीर और आसपास के इलाकों में तनाव का माहौल बना हुआ है। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। वहीं, इस मुद्दे पर राजनीतिक और सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं, जो पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं।

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