केंद्रीय सेक्टर से कम बिजली मिलने के कारण सोमवार को पूरे बिहार में बिजली संकट कायम रहा। केंद्रीय सेक्टर से मांग की तुलना में लगभग दो हजार मेगावाट बिजली कम मिली। इस कारण तीन दर्जन से अधिक ग्रिड को लोडशेडिंग में रखा गया। हालांकि शहरी इलाकों में बिजली आपूर्ति की स्थिति ठीक रही, लेकिन ग्रामीण व अर्द्धशहरी इलाकों में आठ से दस घंटे की लोडशेडिंग रही। इससे लोगों को काफी परेशानी भी हुई।
बताया जाता है कि एनटीपीसी बाढ़ की यूनिट संख्या चार तकनीकी कारणों (ओवरहॉलिंग) से बंद है। वहीं, केंद्रीय सेक्टर से कम बिजली मिलने के कारण बाजार से खरीदारी कर राज्य में लगभग पांच हजार मेगावाट बिजली आपूर्ति की जा सकी, जबकि औसत खपत छह हजार मेगावाट से अधिक है। बिजली कंपनी ने खुले बाजार से बिजली खरीदने के लिए बोली भी लगाई पर बिजली नहीं मिली। आलम यह रहा कि दो हजार मेगावाट की बोली लगाने पर कंपनी को 10 रुपये की उच्चतर दर पर भी मात्र 40 मेगावाट बिजली मिली।
कहां से कितनी बिजली
यूनिट आपूर्ति मिली
बाढ़ यूनिट चार 536 00
बाढ़ यूनिट पांच 536 346
स्टेज एक की दोनों इकाई 743 480
फरक्का पांच 146 00
फरक्का चार 308 58
कहलगांव 314 295
बरौनी थर्मल छह 110 00
बरौनी थर्मल सात 110 00
बरौनी थर्मल आठ 250 00
नवीनगर 1537 993
स्वतंत्र इकाई 130 00
(नोट बिजली आपूर्ति मेगावाट में)
कोशिश है कि बिहार को केंद्रीय सेक्टर से मांग के अनुरूप बिजली मिले। एक-दो यूनिट तकनीकी कारणों से बंद है जिसकी सूचना बिहार सरकार को है। बाकी बिजली घरों से भरपूर बिजली दी जा रही है।
-विश्वनाथ चंदन, प्रवक्ता, एनटीपीसी