पटना: बिहार में जाति आधारित सर्वे के आंकड़े जारी कर दिए गए है. इसके मुताबिक बिहार में 63 फीसदी ओबीसी की है. जातीय गणना की रिपोर्ट आने के बाद आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि देश के लिए जातीय गणना बहुत जरूरी थी. जो काम केंद्र सरकार नहीं कर पाई, वह बिहार सरकार ने कर दिखाया है. उन्होंने कहा कि सबसे पहले डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने इसका प्रस्ताव सदन में रखा था. उसके बाद सर्वदलीय बैठक हुई।
जगदानंद सिंह ने कहा कि जाति आधारित गणना कराने के लिए बिहार के अलग-अलग दलों के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने भी गए थे लेकिन केंद्र सरकार ने इनकार कर दिया. बिहार की महागठबंधन ने अपनी खर्च पर इसे कराया और आज रिपोर्ट भी आ गई है. उन्होंने कहा कि इस आधार पर जो विकास के काम हैं, बिहार में वह होंगे।
आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अगर केंद्र सरकार ही पूरे देश में इस तरह की गणना करवाती तो निश्चित तौर पर अभी जो गरीब लोग हैं और समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े हैं, उन्हें यह दिन नहीं देखना पड़ता. उन्होंने कहा कि पूरे देश में जातीय गणना होनी चाहिए, जिससे कि लोगों की स्थिति के बारे में पता चलेगा कि किसकी आर्थिक स्थिति कैसी है।
जातीय आधारिक जनगणना बिहार सरकार ने करवाया और आज रिपोर्ट जारी भी हो गई. ये वर्षों से मांग हो रही थी. सबको पता है कि 2014 के पार्लियामेंट में बहस के दौरान उस वक्त की सरकान ने माना था और आंकड़े भी इकट्ठा कर लिए लेकिन सरकार बदल गई. अगर उस वक्त ये सामने आ जाती तो आज देश की तस्वीर कुछ और होती।