परिवार नियोजन में महिलाओं के साथ पुरुष की भी अहम भूमिका होती है. दो बच्चों के बाद यदि किसी कारण से महिला नसबंदी नहीं करा सकती है तो पुरुष को नसबंदी करा लेनी चाहिए. बिहार में डबल इंजन नीतीश कुमार की सरकार इसके लिए लोगों को प्रोत्साहन राशि भी दे रही है. वहीं पुरुष नसबंदी महिलाओं के बंध्याकरण से 20 गुना अधिक सरल और सुलभ है।
कितनी है नसबंदी प्रोत्साहन राशि: बिहार में पुरुष नसबंदी कराने पर व्यक्ति को 3000 हजार रुपये और प्रेरक को 400 रुपये प्रोत्साहन राशि तत्काल मिलती है. महिला नसबंदी कराने पर 2000 महिला को और प्रेरक को 300 रुपये मिलते है. प्रसव के बाद तत्काल महिला नसबंदी पर 3000 रुपये और प्रेरक को 400 रूपये प्रोत्साहन धनराशि दी जाती है. इसके अलावा अंतरा इंजेक्शन और आईयूसीडी पर भी प्रोत्साहन राशि की सुविधा है।
परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा: इसी कड़ी में बक्सर जिला पदाधिकारी अंशुल अग्रवाल के द्वारा जनसंख्या स्थिरीकरण के उद्देश्य से 13 सारथी रथ को समाहरणालय परिसर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. वैसे तो जिले में 02 सितंबर से ही विशेष ड्राइव चलाया जा रहा है. जिसके तहत 14 सितंबर तक दंपति संपर्क सप्ताह आयोजित हुआ था. वहीं 17 से 30 सितंबर तक पुरुष परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा का आयोजन किया गया है. जिसमें इच्छुक लाभुक महिलाओं का बंध्याकरण के साथ-साथ पुरुषों की नसबंदी भी की जाएगी।
ग्रामीण चौराहों पर खड़ा रहेगा सारथी रथ: प्रभारी सिविल सर्जन ने बताया कि पुरुष नसबंदी और महिला बंध्याकरण के लिए लाभुकों को सारथी रथ के माध्यम से जागरूक किया जाएगा. सारथी रथ शहरी और ग्रामीण चौराहों पर खड़ा कर परिवार नियोजन के प्रति लोगों को जागरूक कर रही है. पखवाड़ा में हर स्वास्थ्य केंद्र के लिए पुरूष नसबंदी कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. निर्धारित अवधि में पुरूष नसबंदी लक्ष्य पूरा करना है।
“पंचायतों में पुरुषों को जागरूक करने के लिए सारथी रथ भी रवाना किया गया है. जिसके माध्यम से पुरुषों को जनसंख्या स्थिरीकरण को लेकर परिवार नियोजन के स्थायी और अस्थायी दोनों साधानों के प्रति जानकारी दी जाएगी. ताकि अधिक से अधिक पुरुषों को नियोजन के स्थायी साधन अपनाने के लिए प्रेरित किया जा सके.”- प्रभारी सिविल सर्जन
जनसंख्या स्थिरीकरण पर खास नजर: वहीं जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि राज्य सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग का विशेष ध्यान जनसंख्या स्थिरीकरण पर है. इसके लिए न केवल महिल बल्कि पुरुषों को भी आगे आना होगा. ताकि सभी अपने परिवार के साथ समाज को भी खुशहाल बना सकें. उन्होंने बताया कि 12 प्रखंडों के लिए 12 सारथी रथ भेजे गए हैं. वहीं एक सारथी रथ सदर प्रखंड के शहरी इलाकों में लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक करने में लगाया गया है।
“सारथी रथ पर 01-01 आशा प्रतिनियुक्त है, जो लोगों के बीच परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों का वितरण करेंगी. साथ ही लोगों को पुरुष नसबंदी के लिए भी प्रेरित करेंगी. जिला स्तर से लेकर ग्राम स्तर तक लोगों को विभिन्न माध्यमों से जागरूक किया जा रहा है.”-अंशुल अग्रवाल, डीएम, बक्सर