पटना, 25 अप्रैल 2025:
बिहार सरकार ने एक बड़ा प्रशासनिक निर्णय लेते हुए प्रभारी मंत्रियों की नई सूची जारी कर दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने कैबिनेट सहयोगियों को विभिन्न जिलों का प्रभारी मंत्री नियुक्त किया है। कैबिनेट सचिवालय विभाग की अधिसूचना के अनुसार, मंत्रियों को उनके राजनीतिक अनुभव और प्रशासनिक दक्षता के आधार पर जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
इस बदलाव में बीजेपी कोटे के उन मंत्रियों से एक-एक जिला का प्रभार हटा लिया गया है, जिनके पास दो-दो जिलों की जिम्मेदारी थी। अब वे केवल एक-एक जिले के प्रभारी मंत्री रहेंगे।
कुछ प्रमुख नियुक्तियां इस प्रकार हैं:
- श्री सम्राट चौधरी – पटना
- श्री विजय कुमार सिन्हा – मुजफ्फरपुर
- श्री विजय कुमार चौधरी – पूर्णिया, नालंदा
- श्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव – वैशाली
- डॉ. प्रेम कुमार – कैमूर
- श्री श्रवण कुमार – समस्तीपुर, मधेपुरा
- श्री संतोष कुमार सुमन – औरंगाबाद
- श्री सुमित कुमार सिंह – सारण
- श्रीमती रेणु देवी – सिवान
- श्री मंगल पांडे – दरभंगा
- श्री नीरज कुमार सिंह – कटिहार
- श्री अशोक चौधरी – सीतामढ़ी, जहानाबाद
- श्रीमती लेशी सिंह – मधुबनी
- श्री मदन सहनी – सुपौल
- श्री नीतीश मिश्रा – अररिया
- श्री नीतीन नवीन – बक्सर
- श्री महेश्वर हजारी – खगड़िया
- श्रीमती शीला कुमारी – लखीसराय
- श्री सुनील कुमार – पूर्वी चंपारण
- श्री जनक राम – पश्चिम चंपारण
- श्री हरी सहनी – अरवल
- श्री कृष्णनंदन पासवान – गोपालगंज
- श्री जयंत राज – रोहतास
- श्री मो. जमा खान – किशनगंज
- श्री रत्नेश सादा – जमुई
- श्री केदार प्रसाद गुप्ता – भोजपुर
- श्री सुरेन्द्र मेहता – बांका
- श्री संतोष कुमार सिंह – भागलपुर
- श्री संजय सरावगी – बेगूसराय
- डॉ. सुनील कुमार – गया
- श्री जिवेश कुमार – नवादा
- श्री राजू कुमार सिंह – शेखपुरा
- श्री मोती लाल प्रसाद – शिवहर
- श्री विजय कुमार गंडल – सहरसा
- श्री कृष्ण कुमार मंटू – मुंगेर
कुल 35 मंत्री बने प्रभारी
इस सूची में कुल 35 मंत्रियों को शामिल किया गया है, जिन्हें बिहार के विभिन्न जिलों का प्रभारी मंत्री बनाया गया है। इन मंत्रियों की मुख्य भूमिका होगी:
- राज्य सरकार की योजनाओं का सही और समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित करना,
- जिले के आम नागरिकों से संवाद स्थापित करना,
- प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर नीतियों को ज़मीन पर उतारना।
राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अहम
इस निर्णय को आगामी लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों से भी जोड़कर देखा जा रहा है। जिलों में प्रभारी मंत्रियों की तैनाती से सरकार की जमीनी पकड़ मजबूत होगी और योजनाओं की जन-जागरूकता व प्रभावशीलता बढ़ेगी।