एक-एक कर बिहार में पुल ध्वस्त हो रहे हैं. 20 दिनों के अंदर 12 पुल गिरने का मामला सामने आ चुका है. एक ही दिन में 3 जुलाई को पांच पुल गिरे हैं. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार पर हमला बोला है. तेजस्वी यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपलब्धियां पर एकदम खामोश एवं निरुत्तर हैं. सोच रहे हैं कि इस मंगलकारी भ्रष्टाचार को जंगल रात में कैसे परिवर्तित करें।
बिहार में पुलों पर आफत : ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि जब हमारे पास यह विभाग आया तब बिहार में आचार संहिता लग गयी. उससे पहले डेढ़ साल तक यह विभाग राष्ट्रीय जनता दल के पास था. तेजस्वी यादव को जवाब देना चाहिए. अशोक चौधरी ने कहा कि किशनगंज में पुल गिरने की बात सामने आई थी. हमने जांच कमेटी का गठन किया है. तीन इंजीनियर के खिलाफ कार्यवाही की गई है।
”ज्यादातर पुल-पुलिया ऐसे हैं जो एमपी फंड से बने हैं. सरकार पूरे मामले की जांच कर रही है. चिन्हित करने के बाद जिम्मेदारी फिक्स की जाएगी. मुख्यमंत्री ने भी निर्देशित किया है और 10 दिन के अंदर रिपोर्ट आ जाएगी.” तमाम पुल का स्टेटस क्या है इस सवाल पर मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि ”बहुत सारे पुल ऐसे हैं जो सांसद और विधायक फंड से बने हैं. इसकी जांच भी कराई जा रही है. जिम्मेदारी भी तय की जाएगी.”
‘सीएम नीतीश कर रहे मॉनिटरिंग’ : डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने बिहार में गिर रहे पुलों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मॉनिटरिंग कर रहे हैं. इसकी जांच की जा रही है. जो दोषी होगा उसपर कार्रवाई तय की जाएगी साथ ही मेंटिनेंस पॉलिसी पर भी बात हो रही है. इस मामले को खुद सीएम देख रहे हैं।
20 दिन में 12 पुलों की जल समाधि : बता दें कि 18 जून 2024 से पुलों के गिरने का सिलसिला लगातार चल रहा है. छपरा में एक ही दिन में 3 पुल-पुलियों के गिरने से सवाल उठने लगे. बिहार की किरकरी होने लगी. मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा कि कमजोर हो रहे पुल पुलियों को ढहा दिया जाए. इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई है. गनीमत रही है कि हादसे के वक्त किसी भी पुल पर आवागमन नहीं हो रहा था।