भागलपुर बिहार में भागलपुर महोत्सव 2024 का आगाज़ एकबार नया रूप लेकर सामने आई है 2011 में बिहार के सीएम नीतीश कुमार जी ने उद्घाटन किया था, तो 2024 में बिहार के गवर्नर राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर साहब ने उद्घाटन किया।
कोरोनाकाल को छोड़ पिछले 15 वर्षों से साल में 5 दिनों तक भागलपुर की सांस्कृतिक पहचान एक पैगाम दे जाती है।
2024 के भागलपुर महोत्सव में केंद्र सरकार और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सह भागलपुर के पूर्व सांसद सैयद शाहनवाज हुसैन ने अहम भूमिका निभाई बिहार के गवर्नर साहब ने सैयद शाहनवाज हुसैन की भागलपुर महोत्सव के मंच से जमकर तारीफ़ किया जबकि सैयद शाहनवाज हुसैन ने मंच से कहा कि मेरा रिश्ता भागलपुर से चुनावी नहीं है, बल्कि रिश्ता दिलों का है सांस्कृतिक पहचान का बखान करते हुए गवर्नर साहब द्वारा भागलपुर की ख़ासियत पर ख़ास जोर रहा भागलपुर का जर्दालु आम, दही चूड़ा यानी कतरनी चूड़ा के स्वाद की चर्चा, मखमली मुलायम रेशम से बना चादर स्वयं निहारते दिखे बिहार के लिट्टी चोखा की बात भी उनके ज़ुबान पर था।
भागलपुर के जीआई टैग में तो जर्दालु आम, कतरनी चूड़ा चावल, मंजूषा आर्ट और तसर सिल्क पहले से नामित है।
अब जब लिट्टी चोखा की बात गवर्नर साहब के जुबान पर आई है तो शायद अब वह व्यंजन भी जीआई टैग से नामित हो सकता है चूंकि बिहार के गवर्नर राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर साहब गोवा के रहने वाले हैं और उनका विजनरी आईडिया भी भागलपुर महोत्सव के मंच से जरा हट के सुनने को मिला। उन्होंने कहा कि अगर गोवा आज की तारीख़ में पर्यटन स्थल के लिए मशहूर है तो भागलपुर क्यों नहीं हो सकता?
संकल्प अंगजनपद के बुद्धिजीवियों और प्रशासनिक महकमों को लेना है।