बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार का विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए फ्लोर टेस्ट 12 फरवरी दिन सोमवार को होने वाला है. इस बीच बिहार विधान मंडल के बाहर सुरक्षा पूरे इंतजाम कर दिए गए हैं. बिहार विधान परिषद पुलिस छावनी में तब्दील हो गई है. पटना जिला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए है. चप्पे-चप्पे पर जवान तैनात हैं. इतना ही नहीं बिहार विधान मंडल के अंदर प्रवेश करने वाले एक-एक वाहनों को प्रशासन की तरफ से चेक किया जा रहा है।
वहीं, बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल-यूनाइटेड (JDU) को टेंशन का सामना करना पड़ा, क्योंकि उसके तीन विधायक एक बार फिर 11 फरवरी, रविवार शाम को पटना में आयोजित विधायकों की महत्वपूर्ण बैठक में शामिल नहीं हुए. यह अनुपस्थिति 10 फरवरी दिन शनिवार को मंत्री श्रवण कुमार के आवास पर पिछली लंच बैठक में छह विधायकों के शामिल नहीं होने के बाद हुई. अनुपस्थित जदयू विधायकों में रूपौली विधायक और पूर्व मंत्री बीमा भारती, सुरसंड विधायक दिलीप रे (पूर्व में राष्ट्रीय जनता दल के साथ), और बरबीघा विधायक सुदर्शन कुमार शामिल थे।
जेडीयू ने अपने विधायकों को विधानसभा के पास एक होटल में स्थानांतरित कर दिया. 45 विधायकों के साथ जदयू 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में महत्वपूर्ण स्थान रखती है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पास 79 विधायक हैं. इसके अतिरिक्त गठबंधन सहयोगी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा-सेक्युलर (HAM) के चार विधायक हैं और एक निर्दलीय के समर्थन के साथ एनडीए में महागठबंधन के 115 के मुकाबले 128 विधायक शामिल हैं. बहुमत के आकंड़े (Bihar Floor Test) तक पहुंचने के लिए किसी भी गठबंधन को 122 विधायक की आवश्यकता होती है।