राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में गुरुवार को 43वें अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले का आगाज हुआ। इसकी शुरुआत के साथ साझीदार राज्य बिहार के पवेलियन का भी उद्घाटन किया गया। इस पवेलियन में लोग बिहार संग्रहालय का अवलोकन कर सकेंगे।
14 से 27 नवम्बर तक अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला
14 से 27 नवम्बर तक चलने वाले अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में आज बिहार सरकार के हथकरघा एवं रेशम उत्पादन विभाग के निदेशक निखिल धनराज निप्पाणिकर ने दीप प्रज्ज्वलित कर पवेलियन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर बिहार संग्रहालय के निदेशक अशोक कुमार सिन्हा सहित उद्योग मित्र, बिहार खादी एवं उद्योग विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे।
बिहार मंडप में इस बार क्या है खास ?
अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में इस वर्ष प्रगति मैदान के हॉल नंबर 2 में पार्टनर स्टेट के रूप में बिहार मंडप लगाया गया है। बिहार पवेलियन में सभ्यता द्वार, बोधि वृक्ष, ग्लास ब्रिज, आधुनिक नालंदा विश्वविद्यालय एवं मधुबनी पेंटिंग, मंजूषा पेंटिंग व टिकुली आर्ट से सजा पवेलियन एवं पवेलियन के सेंटर हॉल में बना बिहार म्यूजियम इस बार का मुख्य आकर्षण का केन्द्र है। बिहार पवेलियन में पद्मश्री कलाकारों द्वारा मधुबनी पेंटिंग, टेराकोटा कला, सिक्की कला आदि का प्रदर्शन किया जा रहा है। बिहार पवेलियन में 75 स्टॉल के माध्यम से वहां की लोक संस्कृति को देखा जा सकता है।
हैंडलूम एवं हेंडिक्रॉफ्ट और खादी के 75 स्टाल
बिहार पवेलियन के क्रियान्वयन निदेशक निखिल धनराज निप्पाणिकर ने बताया कि इस बार मेले में हैंडलूम एवं हेंडिक्रॉफ्ट तथा खादी के 75 स्टाल लगाए गए हैं। इन स्टॉलों पर बिहार के पारंपरिक हस्तकलाओं एवं हस्तकरघा उत्पाद जिनमें नालंदा का बाबन बूटी, भागलपुर का सिल्क, मिथिलांचल की मधुबनी पेंटिंग, पटना की टिकुली कला इत्यादि को स्थान दिया गया है। इसके अलावा बिहार खादी के उत्पाद भी रखे गए हैं।
मेले की थीम के अनुरूप सजाया गया बिहार पवेलियन
निखिल धनराज ने बताया कि बिहार पवेलियन को प्रत्येक वर्ष मेले की थीम के अनुरूप नायाब डिजाइन एवं रूपरेखा से सजाया जाता है। इस वर्ष बिहार मंडप के मुख्य द्वार को सभ्यता द्वार का रूप दिया गया है, जिसके ऊपर विकसित बिहार@2047 का आकर्षक लोगो बनाया गया है। राइजिंग सन के रूप में दिखाए गए राइजिंग बिहार के पांच प्रमुख विभाग आर्ट एंड कल्चर, उद्योग, टूरिज्म ट्रैवल एंड स्पिरिचुअलिटी, यूथ एंड स्पोर्ट्स एवं वूमेन एंपावरमेंट को इस लोगो में दिखाया गया है।
उन्होंने बताया कि लोगों को बिहार मंडप के एक दीवार पर थ्रीडी पेंटिंग में आधुनिक नालंदा विश्वविद्यालय को देख काफी अच्छा लगेगा। वहीं, बुद्ध ब्रिज को भी दिखाया गया है। बिहार पवेलियन की अन्य दीवारों को मिथिला पेंटिंग, मंजूषा पेंटिंग एवं टिकुली आर्ट के बिहार के जाने माने कलाकारों द्वारा सजाया गया है। इन पेंटिंग्स के बीच बने विभिन्न सर्कल में बिहार सरकार के विभिन्न विभागों के विकास को दर्शाया गया है।